हे अत्यन्त धर्मिष्ठ कुँवारी मरियम ! स्मरण कर कि आज तक यह कभी सुनने में नहीं आया कि तेरा कोई भी शरणागत तुझ से सहायता माँगकर तथा परमेश्वर के पास तेरी प्रार्थना की मदद चाहकर तुझ से अनसुना छूट गया हो। हे कुँवारियों में श्रेष्ठ कुँवारी ! हे मेरी माता ! इसी विश्वास को लेकर मैं तेरी शरण में दौड़ा आया हूँ। मैं शोकपूर्ण पापी तेरे सम्मुख उपस्थित हूँ। हे परमेश्वर की माता ! मेरी प्रार्थना अनसुनी न करना, किन्तु कृपा करके उस पर ध्यान देना। आमेन।