परम प्रिय प्रभु येसु खीस्त, तू ने अपना लहू देकर संसार का उद्धार किया है। तू दीन मनुष्य–जाति पर, जो अभी तक भूल के अंधेरे और मौत की छाया में इस प्रकार पड़ी है दया की दृष्टि फेर, और सत्य का प्रकाश सबों पर पूर्णरूप से चमका। हे प्रभु अपने सुसमाचार के धर्म–प्रचारकों की संख्या बढ़ा। अपनी कृपा के द्वारा उन्हें प्रेरित कर, उनका उत्साह और थकावट सफल कर और आशिष दे कि उनकी कोशिश से सभी अविश्वासी तुझे जानें और तेरी ओर अर्थात् अपने सृजनहार और उद्धारकर्ता की ओर फिरें। भटकने वालों को अपनी शरण में, और विरोधियों को एकमात्र और सच्ची मण्डली की गोद में बुला ले। हे परम प्रिय त्राणकर्ता, पृथ्वी पर अपने अत्यंत अभिलाषित राज्य को शीघ्र स्थापित कर सब मनुष्यों को अपने हृदय की ओर खींच, जिससे स्वर्ग का निरन्तर सुख प्राप्त करके तेरे उद्धार के अनुपम लाभ में सब लोग भागी हों। आमेन। (एक बार ’’हे पिता हमारे’’, ’’प्रणाम मरिया’’ इत्यादि)