हे मेरे ईश्वर, मैं दिल से उदास हूँ कि मैंने तेरी असीम भलाई और बड़ाई के विरूद्ध अपराध किया है। मैं अपने सब पापों से बैर और घृणा करता हूँ, इसलिए कि तू, हे मेरे ईश्वर, जो मेरे पूरे प्रेम के इतने योग्य है, मेरे पापों से नाराज हो जाता है। और मैं यह ढृढ़ संकल्प करता हूँ कि तेरी पवित्र कृपा से, तेरे विरूद्ध अपराध और कभी नहीं करूँगा और पाप के ज़ोखिमों से दूर रहूँगा। आमेन।