20) मैं एक दूत को तुम्हारे आगे-आगे भेजता हूँ। वह रास्तें में तुम्हारी रक्षा करेगा और तुम्हें उस स्थान ले जायेगा, जिसे मैंने निश्चित किया है।
21) उसका सम्मान करो और उसकी बातें सुनो। उसके विरुद्ध विद्रोह मत करो। वह तुम्हारा अपराध नहीं क्षमा करेगा, क्योंकि उसे मेरी ओर से अधिकार मिला है।
22) यदि तुम उसकी बातें मानोगे, तो मैं तुम्हारे शत्रुओं का शत्रु और तुम्हारे विरोधियों का विरोधी बनूँगा।
23) मेरा दूत तुम्हारे आगे-आगे चलेगा और तुम्हें अमोरियों, हित्तियों, परिज्जियों, कनानियों, हिव्वियों, तथा यबूसियों के देश पहुँचा देगा और मैं उनका सर्वनाश करूँगा।
1) उस समय शिष्य ईसा के पास आ कर बोले, ’’स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कौन है?’’
2) ईसा ने एक बालक को बुलाया और उसे उनके बीच खड़ा कर
3) कहा, ’’मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ- यदि तुम फिर छोटे बालकों-जैसे नहीं बन जाओगे, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करोगे।
4) इसलिए जो अपने को इस बालक-जैसा छोटा समझता है, वह स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा है।
5) और जो मेरे नाम पर ऐसे बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है।
10) ’’सावधान रहो, उन नन्हों में एक को भी तुच्छ न समझो। मैं तुम से कहता हूँ- उनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के दर्शन करते हैं।
आज हम रक्षक दूतों का पर्व मनाते है। जिसके बारे में हम मत्ती के सुसमाचार 18ः10 में पाते है, जहाँ येसु कहते हैं, ‘‘देखो, तुम इन छोटे बच्चों को तुच्छ मत समझो। क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि उनके स्वर्गदूत स्वर्ग में सदा मेरे पिता का मुख देखते हैं।श् यह वचन हमें याद दिलाता है कि हर व्यक्ति, विशेषकर जो कमजोर और मासूम हैं, उनकी देखभाल के लिए ईश्वर विशेष दूतों को भेजते हैं। ये दूत हमेशा ईश्वर की उपस्थिति में रहते हैं, और उनके जरिए ईश्वर का गहरा प्रेम और देखभाल हम तक पहुंचती है।
रक्षक दूत ईश्वर की सुरक्षा और मार्गदर्शन का अद्भुत संकेत हैं। ये सिर्फ आकाशीय प्राणी नहीं हैं, बल्कि हमारे व्यक्तिगत मार्गदर्शक हैं, जो हमें जीवन के सफर में मदद और सुरक्षा देने के लिए भेजे गए हैं। चाहे हम शारीरिक खतरों का सामना करें, आध्यात्मिक चुनौतियों से जूझें, या रोजमर्रा के फैसले लें, हमारे दूत हमेशा हमारे साथ होते हैं, तथा शांतिपूर्वक हमें सही दिशा में ले जाते हैं।
यह वचन हमें, हमारे प्रति ईश्वर की देखभाल पर और अधिक भरोसा करने के लिए प्रेरित करती है। जब भी हम अकेला या अनिश्चित महसूस करते हैं, हमारे रक्षक दूत हमारे साथ होते हैं, हमें रास्ता दिखाते हैं और हमारे लिए प्रार्थना करते हैं। ये रक्षक दूत हमें खतरों से बचाने, अच्छे निर्णय लेने और मुश्किल समय में सांत्वना देने का काम करते हैं।
अपने रक्षक दूतों को याद करने से हमें यह एहसास होता है कि ईश्वर हर पल हमारे साथ हैं। हम कभी भी पूरी तरह से अकेले नहीं होते, क्योंकि ईश्वर का प्रेम इन स्वर्गीय रक्षकों के माध्यम से हमेशा हमारे साथ होता है। यह सोच हमें ईश्वर पर भरोसा रखने और उनके मार्गदर्शन के लिए खुला रहने के लिए प्रेरित करती है, यह जानते हुए कि उनके रक्षक दूत हर कदम पर हमारे साथ हैं।
✍फादर डेनिस तिग्गा (भोपाल महाधर्मप्रान्त)
Today we celebrate the feast of Guardian Angels. The concept of guardian angels is beautifully captured in Matthew 18:10, where Jesus says, “See that you do not despise one of these little ones. For I tell you that their angels in heaven always see the face of my Father in heaven.” This scripture reminds us that each person, especially the vulnerable and innocent, is cared for by a special angel sent by God. These angels are constantly in God’s presence, reflecting His deep love and concern for us.
Guardian angels are a powerful sign of God’s protection and guidance. They are not just distant heavenly beings but personal guides, assigned to us to help protect and direct us on our life journey. Whether we face physical danger, spiritual challenges, or daily decisions, our guardian angels are always by our side, silently leading us toward what is good and holy.
This scripture encourages us to trust more deeply in God’s care. Even when we feel alone or uncertain our guardian angel is with us guiding and praying for us. They act as reminders that God is constantly looking after us, working through His angels to help us avoid harm and grow in our relationship with Him. Our guardian angels help us make good choices, protect us from danger, and give us comfort in times of trouble.
By remembering our guardian angels, we become more aware of God’s presence in our everyday lives. We are never truly alone, for God’s love is always with us through these heavenly protectors. Today’s feast encourages us to trust in God’s care and be open to His guidance, knowing that His angels are with us every step of the way.✍ -Fr. Dennis Tigga (Bhopal Archdiocese)
आज हम रखवाल दूतों का पर्व मनाते हैं। ये ईश्वर द्वारा मनुष्यों को सौंपे गए विशेष देवदूत हैं, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक संपूर्ण मानव जाति और व्यक्तिगत मनुष्यों पर गंभीर खतरे की निगरानी करते हैं। यह पर्व स्वर्गदूतों के रूप में हममें से प्रत्येक के प्रति ईश्वर की प्रेमपूर्ण देखभाल को दर्शाता है। वह उन्हें हमारा मार्गदर्शन करने और हमारी रक्षा करने के लिए भेजता है। सुसमाचार में, येसु अपने शिष्यों को स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने वालों के बारे में सिखाने के लिए एक उदाहरण के रूप में बालक का उपयोग करते हैं। येसु बच्चों के उपहारों, उनकी विनम्रता, निर्भरता, विश्वास और ईमानदारी को सच्ची महानता की निशानी बताते हैं। एक बालक प्रमुखता की इच्छा नहीं रखता; वह तो गुमनामी में ही रहना पसंद करेगा। एक बच्चा उन लोगों पर पूरी तरह निर्भर रहकर संतुष्ट रहता है जो उससे प्यार करते और उसकी देखभाल करते हैं। बालक सहज रूप से निर्भर होता है, और सहज रूप से ही वह अपने माता-पिता पर भरोसा करता है कि उसकी ज़रूरतें पूरी होंगी। मकसद और इरादे की पवित्रता ही सच्ची महानता है। प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि चरित्र मायने रखता है। सच्ची महानता गुरु की सेवा करने की शुद्ध, निर्दोष इच्छा के बारे में है।
✍फादर संजय कुजूर एस.वी.डी.Today we celebrate the feast of the Guardian Angels. These are the special angels assigned to humans by God, to watch over all humankind and over individual human beings from grave danger from birth until death. The feast celebrates God's loving care of each one of us, in the form of the angels. He sends them to guide and protect us. In the gospel, Jesus uses the child as an illustration to teach his disciples about those entering into the Kingdom of Heaven. Jesus points at the gifts of children, their humility, dependency and trust and honesty, as the mark of true greatness. A child does not wish for prominence; he would rather be left in obscurity. A child is perfectly content to be utterly dependent on those who love him and care for him. The child is instinctively dependent, and just as instinctively he trusts his parents that his needs will be met. Purity of motive and intention is where true greatness lies. It is Character and not Competition that matters. True greatness is about pure, innocent willingness to serve the master.
✍ -Fr. Sanjay Kujur SVD
ईश्वर हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते। उन्होंने कभी भी सीधे रास्ते और आसान जीत का वादा नहीं किया, लेकिन उनकी उपस्थिति और ताकत का आश्वासन हमें हमारे संघर्षों और जीवन की दुर्बलताओं के साथ लड़ाई में आगे बढ़ने के लिए निरंतर प्रोत्साहन और प्रेरणा प्रदान करते है।
ईश्वर ने प्रतिज्ञा की थी कि वह मार्ग में हमारी रक्षा करने के लिये हमारे आगे आगे चलेगा और हमें उस स्थान पर लाएगा जिसे ईश्वर ने तैयार किया है। यह जानना बहुत उत्साहजनक है कि ईश्वर हमारे आगे आगे जाते है; कि वे जानते है कि जीवन की यात्रा में आगे क्या है और वे हमें सुरक्षित घर पहुंचाएगे। ईश्वर ने अपने दूत को रास्ते में हमारी रक्षा करने के लिए भेजने का वादा किया। लेकिन हमें उसकी आवाज सुननी चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम में से बहुत से लोग अपने जीवन में ईश्वर के वादों को देखने के लिए तरसते हैं लेकिन प्रभु की वाणी को सुनने से चूक जाते हैं।
ईश्वर ने यह भी वादा किया कि वे हमारे शत्रुओं का शत्रु और हमारे विरोधियों का विरोधी होगा। हमारा दुश्मन शैतान और उसके जाल हैं। जब हम अपने दूत के निर्देशों को सुनते हैं, तो हम उन प्रलोभनों और परेशानियों से निपटने के लिए शक्तिशाली हो जाते हैं जो शैतान हमारे रास्ते में डालता है। ईश्वर हमारे जीवन के हर चरण में हम पर नजर रख रहे हैं। वे हमारी कमजोरियों और उन क्षेत्रों को जानते है जहां हमें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी। इसलिए, हम सतर्क रहें और अपने रक्षक देवदूत से लगातार प्रार्थना करें कि वह हमारे मार्ग को रोशन करे, हमें सशक्त करे और हमारे सामने जाए। हम उसे ईश्वचन में सुनते हैं और अपने जीवन की दैनिक घटनाओं में उसका अनुभव करते हैं।
✍फादर रोनाल्ड मेलकम वॉनGod never leaves us alone. He never promised a straight path and an easy victory but the assurance of his presence and strength supply us the constant encouragement and inspiration to move on in our struggles and battle with the infirmities of life.
God promised that he would go before us to guard us along the way and to bring us to the place which God prepared. It is very encouraging to know that God goes before us; that he knows what is ahead in the journey of life and that he will bring us safely home. God promised to send His angel to guard us along the way. But we must listen to His voice. This is very important because many of us long to see the promises of God in our lives but miss the part about listening to the voice of the Lord.
God also promised that he would be an enemy to our enemies and an adversary to our adversaries. Our enemy is Satan and his entrapments. When we listen to the instructions of our angel, we become powerful to deal with the temptations and troubles that the devil puts in our path. God is watching over us at every stage of our life. he knows our weaknesses and areas where we would need him most. Therefore, let us remain alert and pray constantly to our guardian angel to enlighten our path, empower us and go before us. We listen to him in the scripture and experience him in the daily events of our life.
✍ -Fr. Ronald Melcum Vaughan
निर्गमन 23:20-21 में प्रभु का वचन कहता है, “मैं एक दूत को तुम्हारे आगे-आगे भेजता हूँ। वह रास्तें में तुम्हारी रक्षा करेगा और तुम्हें उस स्थान ले जायेगा, जिसे मैंने निश्चित किया है। उसका सम्मान करो और उसकी बातें सुनो।” 2 अक्टूबर 2014 को संत पापा फ्रांसिस ने सुबह के मनन-चिंतन में कहा, “हम सभी के पास एक स्वर्गदूत होता है जो हमेशा हमारे साथ रहता है, जो हमें कभी नहीं छोड़ता है और हमें अपना रास्ता नहीं खोने में मदद करता है। … जीवन एक यात्रा है, हमारा जीवन एक यात्रा है जो हमें उस स्थान तक ले जाती है जिसे प्रभु ने तैयार किया है। ... कोई भी अकेला नहीं चलता: कोई भी नहीं!" काथलिक परम्परा के अनुसार हरेक व्यक्ति की देखरख के लिए प्रभु ने एक स्वर्गदूत को नियुक्त किया है। हरेक विश्वासी के बगल में एक चरवाहे या रक्षक के रूप में वह संरक्षक दूत रहता है। हमारे संरक्षक दूत हमें संरक्षण प्रदान करते हैं, हमारे लिए और हमारी ओर से प्रार्थना करते हैं तथा हमें राह दिखाते हैं। हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक वे हमारी देखभाल करते तथा हमारे लिए ईश्वर के समक्ष मध्यस्थता करते हैं। इस धरती पर ही हमें वे हमारे साथ रह कर स्वर्ग की अनुभूति प्रदान करते हैं। (देखें काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा 336) प्रभु येसु कहते हैं, “सावधान रहो, उन नन्हों में एक को भी तुच्छ न समझो। मैं तुम से कहता हूँ - उनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के दर्शन करते हैं।“ (मत्ति 18:10) हमारे संरक्षक दूत हमेशा हमारे साथ रहते हैं, लेकिन वे उसी समय निरन्तर प्रभु ईश्वर के दर्शन करते हैं।
✍ -फादर फ्रांसिस स्करिया
In Ex 23:20-21 we read, “Behold, I send an angel before you, to guard you on the way and to bring you to the place which I have prepared. Give heed to him and hearken to his voice”. On October 2, 2014 in his morning meditation Pope Francis said, “We all have an angel who is always beside us, who never abandons us and helps us not to lose our way. … life is a journey, our life is a journey that leads us to the place that the Lord has prepared. But, no one walks alone: no one!... “ According to Catholic Tradition God has assigned an angel to protect and guide every human being. He protects us, guides us, shows us the way to the goal that the Lord has set for us. The guardian angel also prays constantly for and on behalf of us. The Catechism of the Catholic Church (No.336) teaches us, “Beside each believer stands an angel as protector and shepherd leading him to life. Already here on earth the Christian life shares by faith in the blessed company of angels and men united in God”. Jesus says, “See that you do not despise one of these little ones; for I tell you that in heaven their angels always behold the face of my Father who is in heaven” (Mt 18:10). Our guardian angel stays with us; yet at the same time he has the vision of God.
✍ -Fr. Francis Scaria