जुलाई 22, 2024, सोमवार

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वर्ष का सोलहवाँ सामान्य सप्ताह

मरियम मगदलेना– त्योहार

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📒 पहला पाठ : सुलेमान का सर्वश्रेष्ठ गीत 3:1-4

1) मैं सारी रात अपने पलंग पर अपने प्राणप्रिय को ढूँढ़ती हूँ। मैं उसे ढूँढ़ती हूँ, किन्तु नहीं पाती।

2) मैं उठ कर गलियों तथा चैकों से होते नगर का चक्कर लगाती हूँ। मैं अपने प्राणप्रिय को ढूँढ़ती हूँ मैं उसे ढूँढ़ती हूँ, किन्तु नहीं पाती।

3) नगर का फेरा लगाते हुए पहरेदार मुझे मिलते हैं: ‘‘क्या आप लोगों ने मेरे प्राणप्रिय को देखा?‘‘

4) मैं उनसे आगे बढ़ती ही हूँ कि मैं अपने प्राणप्रिय को पा लेती हूँ।

📒 सुसमाचार : योहन 20:1-2,11-18

1) मरियम मगदलेना सप्ताह के प्रथम दिन, तडके मुँह अँधेरे ही कब्र के पास पहुँची। उसने देखा कि कब्र पर से पत्थर हटा दिया गया है।

2) उसने सिमोन पेत्रुस तथा उस दूसरे शिष्य के पास, जिसे ईसा प्यार करते थे, दौडती हुई आकर कहा, ’’वे प्रभु को कब्र में से उठा ले गये हैं और हमें पता नहीं कि उन्होंने उन को कहाँ रखा है।’’

11) मरियम कब्र के पास, बाहर रोती रही। उसने रोते रोते झुककर कब्र के भीतर दृष्टि डाली

12) और जहाँ ईसा का शव रखा हुआ था वहाँ उजले वस्त्र पहने दो स्वर्गदूतों को बैठा हुआ देखा- एक को सिरहाने और दूसरे को पैताने।

13) दूतों ने उस से कहा, ’’भद्रे! आप क्यों रोती हैं?’’ उसने उत्तर दिया, ’’वे मेरे प्रभु को उठा ले गये हैं और मैं नहीं जानती थी कि उन्होंने उन को कहाँ रखा है’’।

14) वह यह कहकर मुड़ी और उसने ईसा को वहाँ खडा देखा, किन्तु उन्हें पहचान नहीं सकी।

15) ईसा ने उस से कहा, ’’भद्रे! आप क्यों रोती हैं। किसे ढूँढ़ती हैं? मरियम ने उन्हें माली समझकर कहा, ’’महोदय! यदि आप उन्हें उठा ले गये, तो मुझे बता दीजिये कि आपने उन्हें कहाँ रखा है और मैं उन्हें ले जाऊँगी’’।

16) इस पर ईसा ने उस से कहा, ’’मरियम!’’ उसने मुड कर इब्रानी में उन से कहा, ’’रब्बोनी’’ अर्थात गुरुवर।

17) ईसा ने उस से कहा, ’’चरणों से लिपटकर मुझे मत रोको। मैं अब तक पिता के पास ऊपर नहीं गया हूँ। मेरे भाइयेां के पास जाकर उन से यह कहो कि मैं अपने पिता और तुम्हारे पिता, अपने ईश्वर और तुम्हारे ईश्वर के पास ऊपर जा रहा हूँ।’’

18) मरियम मगदलेना ने जाकर शिष्यों से कहा कि मैंने प्रभु को देखा है और उन्होंने मुझे यह सन्देश दिया।

📚 मनन-चिंतन

मरियम मगदलेना येसु की मृत्यु से इतनी विस्मीत हो गई थी कि वह पुनर्जीवित येसु को पहचानने में विफल रही जिसने उससे पूछा कि वह क्यों रो रही थी (योहन 20:14-15)। इसके बाद येसु ने स्वयं को प्रकट किया और तब मरियम मगदलेना ने येसु को पहचान लिया (योहन 20:16)। मृत्यु जीवन की एक निश्चितता है, यह हम में से किसी को भी अपनी मर्जी से मिलती है। एक ऐसा समय जो कई बार हमें पसंद नहीं आता लेकिन मौत हमारे पास आती है और कोई भी इसे रोक नहीं सकता क्योंकि यह हमारे जीवन का चक्र है। लेकिन मृत्यु के बाद जीवन आता है, जीवन जो इस दुनिया में हमारे जीवन से बहुत अलग है। शायद यही कारण था कि मरियम मगदलेना ने पुनर्जीवित येसु को उस समय नहीं पहचाना जब वह उसके सामने प्रकट हुए थे।

- फादर अल्फ्रेड डिसूजा (भोपाल महाधर्मप्रान्त)


📚 REFLECTION

Mary Magdalene was so consumed by the death of Jesus that she failed to recognize the resurrected Jesus who asked her why she was weeping (John 20:14-15). Then afterwards Jesus revealed Himself to her and Mary Magdalene recognized Jesus (John 20:16). Death is a certainty of life, it visits anyone of us at a time that it chooses. A time that often times we don’t like but death comes to us and nobody can prevent it for it’s the cycle of our life. But after death comes life, life that is very much different from the life that we have in this world. Perhaps this was the reason why Mary Magdalene did not recognize the resurrected Jesus when He appeared to her. Mary Magdalene could not distinguish the image of the resurrected Jesus as opposed to Jesus before His death.

-Fr. Alfred D’Souza (Bhopal Archdiocese)

📚 मनन-चिंतन - 2

दुःख आशा में बदल जाते हैं

तुम क्यों रो रहे हो? यह एक भावनात्मक प्रश्न है जो न केवल मरियम मगदलीना के लिए था बल्कि वर्तमान समय में हमारे लिए भी रखा गया है। हमारे पास रोने के कई न्यायोचित कारण हो सकते हैं लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिये कि, येसु मृतकों में से जी उठे हैं। केवल इस तथ्य के लिए, हमारे पास आनंदति होने का हर कारण है, क्योंकि अब हमें ज्ञात है कि, मृत्यु अंत नहीं बल्कि एक रास्ता है। हमंे दुःख या अन्याय पर जीत का आश्वासन दिया गया है। हमें असफलताओं से उठकर आशा के साथ आगे बढाने का हर संभव प्रयास करना है। आइये हम मरियम मगदलीना के समान येसु के प्रति साहसी और विश्वासयोग्य होना सीखे। इसी कारण उसे पुनरूत्थान का साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसका दुःख आशा में बदल गया। कोई आश्चर्य नहीं कि, अब वह एक संत हैं और उन्हें प्रेरितों का प्रेरित माना जाता है।

- फादर अल्फ्रेड डिसूजा


📚 REFLECTION

Sorrows are Turned to Hope!

Why are you weeping? This is an emotional question thrown not only to Mary Magdalene but also to us in modern times. We may have many justified reasons for weeping but we must never forget that Jesus has been raised from death to life! For that fact alone, we have every reason to rejoice because we now know that death is not the end but a way through. We are now assured of victory over suffering or injustice. In life, we go through difficulties, disappointments, breakups and other untold sorrows. But life must go on. We rise from setbacks and look forward with hope. One of the most common reasons why people are not happy is because they do not know how to move on. Let us learn from Mary Magdalene to be courageous and faithful to Jesus. This is what gave her the privilege to be the first person to witness the resurrection. Her sorrows are turned to hope. Moreover, she was given the mission to proclaim it to Jesus’ inner circle of friends. No wonder she is now a saint and she is considered as the “Apostle of the apostles”.

-Fr. Alfred D’Souza

📚 मनन-चिंतन - 3

काथलिक कलीसिया आज संत मरियम मगदलेना को याद करती है । संत मारकुस लिखते हैं, "ईसा सप्ताह के प्रथम दिन प्रातः जी उठे। वे पहले मरियम मगदलेना को, जिस से उन्होंने सात अपदूतों को निकाला था, दिखाई दिये।" (मारकुस 16:9) पुनर्जीवित प्रभु सबसे पहले माता मरियम या प्यारे शिष्य को नहीं, बल्कि मरियम मगदलेना को दर्शन देते हैं। वह भी सप्ताह के प्रथम दिन और बडे सबेरे। मुझे लगता है कि इसका कारण यह है कि वे ईश्वर की खोज में लगी रहती थी। इस विष्य में प्रभु ने वादा किया है – “यदि तुम मुझे सम्पूर्ण हृदय से ढूँढ़ोगे, तो मैं तुम्हे मिल जाऊँगा“- यह प्रभु की वाणी है- “और मैं तुम्हारा भाग्य पलट दूँगा। मैं तुम्हें उन सब राष्ट्रों और उन सब स्थानों से, जहाँ मैंने तुम्हें निर्वासित कर दिया है, यहाँ फिर एकत्रित करूँगा।“ यह प्रभु की वाणी है। “मैं तुम्हें फिर उसी जगह ले आऊँगा, जहाँ से मैंने तुम्हें निर्वासित कर दिया था।'' (यिरमियाह 29:13-14 ) प्रभु येसु ने भी आश्वासन दिया था - "ढ़ूँढ़ो, और तुम्हें मिल जायेगा" (मत्ती 7:7)। स्तोत्र 53:2 में पवित्र वचन कहता है, "ईश्वर यह जानने के लिए स्वर्ग से मनुष्यों पर दृष्टि दौड़ाता है कि उन में कोई बुद्धिमान हो, जो ईश्वर की खोज में लगा रहता हो"। संत मारकुस के अनुसार, मरियम मगदलेना पहले अपदूतों से पीडित थी। बुरा अतीत आपको ईश्वर की तलाश करने तथा उनके पास वापस लौटने से नहीं रोकता है। विधि-विवरण 4:29-31 में हम पढ़ते हैं, “यदि तुम वहाँ प्रभु, अपने ईश्वर से फिर मिलना चाहोगे तो वह तुम्हें तभी मिलेगा, जब तुम उसे सारे मन और सारी आत्मा से ढूँढ़ोगे। जब तुम कष्ट से पीड़ित होगे और जब भविष्य में ये सब विपत्तियाँ तुम को अक्रान्त करेगी, तब तुम फिर प्रभु, अपने ईश्वर की ओर अभिमुख हो जाओगे और उसकी आज्ञा का पालन करने लगोगे। इसका कारण यह है कि प्रभु, तुम्हारा ईश्वर एक करूणामय ईश्वर है। वह न तो तुम को त्यागेगा, न तुम्हारा विनाश करेगा और न वह विधान भूलेगा, जिसे उसने शपथ खा कर तुम्हारे पूर्वजों के लिए निर्धारित किया है।“ आइए हम मरियम मगदलेना की तरह प्रभु येसु की खोज करना सीखें।

-फादर फ्रांसिस स्करिया


📚 REFLECTION

The Catholic Church venerates St. Mary Magdalene today. St. Mark records, “Now after he rose early on the first day of the week, he appeared first to Mary Magdalene, from whom he had cast out seven demons” (Mk 16:9). It was not to Mother Mary or to the Beloved Disciple that the Risen Lord appeared first. It was to Mary Magdalene, that too on the first day of the week and early in the morning. I suppose this preference for Mary Magdalene was due to the fact that she was an ardent seeker of God. There is a very clear promise of the Lord – “When you search for me, you will find me; if you seek me with all your heart, I will let you find me, says the Lord” (Jer 29:13-14). Jesus too had assured – “Seek, and you will find” (Mt 7:7). In Ps 53:2 the Word tells us, “God looks down from heaven on humankind to see if there are any who are wise, who seek after God”. According to St. Mark, Mary Magdalene was possessed by demons earlier. Bad past does not prevent you from seeking and coming back to God. In Deut 4:29-31 we read, “From there you will seek the Lord your God, and you will find him if you search after him with all your heart and soul. In your distress, when all these things have happened to you in time to come, you will return to the Lord your God and heed him. Because the Lord your God is a merciful God, he will neither abandon you nor destroy you; he will not forget the covenant with your ancestors that he swore to them.” Let us learn to seek Jesus like Mary Magdalene.

-Fr. Francis Scaria