1. इतवार और हुक्म पर्व में यूखरिस्त में भाग लेना।
2. उपवास और परहेज के दिन मानना।
3. बरस-बरस कम-से-कम एक बार पाप-स्वीकार करना।
4. पास्का पर्व के समय योग्य रीति से परमप्रसाद ग्रहण करना।
5. कलीसिया के पुरोहितों को संभालने में भाग लेना।
6. विवाह के सम्बन्ध में कलीसिया के नियम मानना।