1) “यह मेरा सेवक है। मैं इसे सँभालता हूँ। मैंने इसे चुना है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ। मैंने इसे अपना आत्मा प्रदान किया है, जिससे यह राष्ट्रों में धार्मिकता का प्रचार करे।
2) यह न तो चिल्लायेगा और न शोर मचायेगा, बाजारों में कोई भी इसकी आवाज नहीं सुनेगा।
3) यह न तो कुचला हुआ सरकण्डा ही तोड़ेगा और न धुआँती हुई बत्ती ही बुझायेगा। यह ईमानदारी से धार्मिकता का प्रचार करेगा।
4) यह न तो थकेगा और न हिम्मत हारेगा, जब तक यह पृथ्वी पर धार्मिकता की स्थापना न करे; क्योंकि समस्त द्वीप इसी शिक्षा की प्रतीक्षा करेंगे।“
5) जिसने आकाश बना कर फैलाया और पृथ्वी और उसकी हरियाली उत्पन्न की है, वही प्रभु-ईश्वर यह कहता है-
6) “मैं प्रभु, ने तुम को न्याय के लिए बुलाया और तुम्हारा हाथ पकड़ कर तुम को सँभाला है। मैंने तुम्हारे द्वारा अपनी प्रजा को एक विधान दिया और तुम्हें राष्ट्रों की ज्योति बनाया है,
7) जिससे तुम अन्धों की दृष्टि दो, बन्दियों को मुक्त करो। और अन्धकार में रहने वालों को ज्योति प्रदान करो।
1) पास्का के छः दिन पहले ईसा वेथानिया आये। वहाँ लाज़रुस रहता था, जिसे उन्होंने मृतकों में से पुनर्जीवित किया था।
2) लोगों ने वहाँ ईसा के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया। मरथा परोसती थी और ईसा के साथ भोजन करने वालों में लाज़रुस भी था।
3) मरियम ने आधा सेर असली जटामांसी का बहुमूल्य इत्र ले कर ईसा के चरणों का विलेपन किया और अपने केशों से उनके चरण पोछे। इत्र की सुगन्ध से सारा घर महक उठा।
4) इस पर ईसा का एक शिष्य यूदस इसकारियोती जो उनके साथ विश्वासघात करने वाला था, यह बोला,
5) ’’तीन सौ दीनार में बेचकर इस इत्र की कीमत गरीबों में क्यों नही बाँटी गयी?’’
6) उसने यह इसलिये नहीं कहा कि उसे गरीबों की चिंता थी, बल्कि इसलिये कि वह चोर था। उसके पास थैली रहती थी और उस में जो डाला जाता था, वह उसे निकाल लेता था।
7) ईसा ने कहा, ’’इसे छोड दो। इसने मेरे दफ़न के दिन की तैयारी में यह काम किया।
8) गरीब तो बराबर तुम्हारे साथ रहेंगे, किन्तु मैं हमेशा तुम्हारे साथ नहीं रहूँगा।
9) बहुत-से यहूदियों को पता चला कि ईसा वहाँ हैं। वे ईसा के कारण ही नहीं बल्कि उस लाज़रुस को भी देखने आये, जिसे ईसा ने मृतकों में से पुनर्जीवित किया था।
10) इसलिये महायाजकों ने लाज़रुस को भी मार डालने का निश्चय किया,
11) क्योंकि उसी के कारण बहुत-से लोग उन से अलग हो रहे थे और ईसा में विश्वास करते थे।
प्यारे विश्वासियों इस हफता पवित्र हफता है इसलिए हमें पवित्र रीती से अपना बहुमूल्य समय ईश्वर के साथ बिताने का समय है। जैसे सुसमाचार में हम सुनते है कि मरियम ने जटामांसी का बहुमूल्य इत्र से येसु के चरणों का विलेपन किया उसी प्रकार हम लोगों को भी प्रभु केलिए कुछ खास अर्पित करना है। जब मरियम के इस कार्य की आलोचना की गयी तब येसु ने कहा इसे करने दीजीए क्योंकि ग़रीब तो बराबर तूम्हारे साथ रहेंगे, किन्तु मैं हमेशा तुम्हारे साथ नहीं रहॅूगा। ठीक इसी प्रकार हम अपने आप से कहे कि हम बाकी कार्याें को छोडे क्योंकि वह कार्य बाद में भी कर सकते है, लेकिन पवित्र हफता हमें साल में एब ही बार मिलता है। इसलिए इस समय का पूरा लाभ उठायें।
आज के सुसमाचार में हम देखते है कि ईश्वर का हमारे प्रति प्यार अपार है। इसायाह 42:3 के वचन में हम पढ़ते है कि यह न तो कुचला हुआ सरकण्डा ही तोडेगा और न धुऑती हुई बत्ती ही बुझायेगा। कहने का मतलब यह है (इसायाह 43:4) कि ईश्वर की दृष्टि में हर एक इनसान मूल्यवान है और महत्व रखते है। इस कारण से हमें बचाने केलिए ईश्वर कोई भी सीमा पार करने केलिए तैयार है; कोई भी मृत्यु अपनाने के लिए तैयार है। इसी कारण से येसु ने हमें पापों से छुटकारा देने केलिए क्रूस मरण को अपनाया।
येसु हमें पापों से मोचित करके धर्मी बनाने केलिए आए। अगर आप धर्मिक जीवन नहीं बिता रहे है या धर्मिक जीवन बीता नहीं पा रहे है तो येसु के पास जाये; येसु से प्रार्थना करें। क्योंकि लिखा है मत्ति 5:6 धन्य है, वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं! वे तृप्त किये जायेंगे। स्तोत्र 118:19-20 प्रभु मेरे लिए धार्मिकता का द्वार खोल दो, मैं उस में प्रवेश कर प्रभु को धन्यवाद दॅूगा। यह प्रभु का द्वार है, इस में धर्मि प्रवेश करते है। नबी होशेआ कहते है 10:12 प्रभु को कब तक खोजते रहो, जब तक वह आ कर धार्मिकता न बरसाये!
✍ -फादर शैलमोन आन्टनी
Dear friends, this week is a holy week. Therefore we need to spend our time with the Lord in a holy manner. As in the Gospel we hear that Mary took a pound of costly perfume made of pure nard, anointed Jesus’ feet, and wiped them with her hair. In this way we need to give to the Lord our precious time this week in prayer. When her act was criticized, Jesus said in reply – leave her alone. She brought it so that she might keep it for the day of my burial. You always have the poor with you, but you do not always have me. In the same manner we should tell us that let’s keep away all other works, and try to spend our time with the Lord, for holy week comes once a year only. We need to make the best out of this week.
In today’s gospel we see that the love of God towards us is tremendous. Isa 42:3 the word of God says a bruised reed he will not break, and a dimly burning wick he will not quench; he will faithfully bring forth justice. The word of God means that we are precious in the sight of God and God honors us and loves us (Isa 43:4). God is ready and willing to go any extent to save humankind. He is willing to accept any death to redeem us. Therefore Jesus died on the cross to save us.
Jesus came to make all of us righteous by setting us free from sin. If you are not living a righteous life or if you are not able to live a righteous life then go to Jesus; pray to Jesus; because it is written in Mt 5:6 Blessed are those who hunger and thirst for righteousness for they will be filled. Ps 118:19-20 Open to me the gates of righteousness, that I may enter through them and give thanks to the Lord. This is the gate of the Lord; the righteous shall enter through it. Prophet Hosea says in 10:12 Sow for yourselves righteousness; reap steadfast love; break up your fallow ground; for it is time to seek the Lord, that he may come and rain righteousness upon you.
✍ -Fr. Shellmon Antony