अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।
समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।
आमन्त्रक अग्र. : आइये, हम आनन्द मनाते हुए प्रभु की स्तुति करें, अपने शक्तिशाली त्राणकर्त्ता का गुणगान करें, अल्लेलूया।
धरती में पाऊँ तुझे, अम्बर में पाऊँ तुझे,
सागर में पाऊँ तुझे, तन मन में पाऊँ तुझे।
तुझसे कौन है बातें न करता, पत्थर-पर्वत सभी का तू कर्त्त,
सृष्टि ये सारी ही रचना, जीवन विधाता तुझे हो नमन।
प्यार का बीज तू सब में बोता, प्यार का पाठ तू सबको पढ़ाता,
दान दया का तू सबको है देता, तारणहार तुझे हो नमन।
अग्र. 1 :प्रभु सर्वोच्च में प्रशीसनीय है; अल्लेलूया।
प्रभु राज्य करता है। वह प्रताप का वस्त्र ओढ़े
और सामर्थ्य का कटिबन्ध बाँधे है।
उसने पृथ्वी का आधार सुदृढ़ बनाया है।
तेरा सिंहासन प्रारम्भ से स्थिर है।
तू अनन्त काल से विद्यमान है।
प्रभु! बाढ़ की लहरें उमड़ रही हैं,
बाढ़ की लहरें गरज रही हैं,
बाढ़ की लहरें घोर गर्जन कर रही हैं।
आकाश के ऊपर विराजमान प्रभु बाढ़ के गर्जन
और महासागर की प्रचण्ड लहरों से कहीं अधिक शक्तिशाली है।
प्रभु! तेरे आदेश अपरिवर्तनीय है।
तेरे मन्दिर की पवित्रता अनन्त काल तक बनी रहेगी।
अग्र. : प्रभु सर्वोच्च में प्रशीसनीय है; अल्लेलूया।
अग्र. 2 : प्रभु तेरी प्रशंसा हो और सदा-सर्वदा तेरा गुणगान। आल्लेलूया।
प्रभु की समस्त कृतियों! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के दूतों! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के ऊपर के जल! प्रभु को धन्य कहो।
विश्वमण्डल! प्रभु को धन्य कहो।
सूर्य और चंद्रमा! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के तारामण्डल प्रभु को धन्य कहो।
वर्षा और ओस! तुम दोनों प्रभु को धन्य कहो।
पवनो! तुम सब प्रभु को धन्य कहो।
अग्नि और ताप! प्रभु को धन्य कहो।
शीत और ग्रीष्म! प्रभु को धन्य कहो।
ओस और तुषार! प्रभु को धन्य कहो।
ठण्ड और पाले! प्रभु को धन्य कहो।
बर्फ और हिमपात! प्रभु को धन्य कहो।
रात और दिन! प्रभु को धन्य कहो।
प्रकाश और अन्धकार! प्रभु को धन्य कहो।
बिजली और बादलों! प्रभु की स्तुति करो
पृथ्वी प्रभु को धन्य कहे,
उसकी स्तुति करे और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाये।
पर्वतों और पहाड़ियों! प्रभु को धन्य कहो।
पृथ्वी के सब वनस्पतियो! प्रभु को धन्य कहो।
झरनो! प्रभु को धन्य कहो।
समुद्रों और नदियों! प्रभु को धन्य कहो।
मकर और जलचरगण! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के समस्त पक्षियो! प्रभु को धन्य कहो।
सब बनैले और पालतू पशुओं! प्रभु को धन्य कहो।
मनुष्य की सन्तति! प्रभु को धन्य कहो।
इस्राएल! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के याजको! प्रभु को धन्य कहो।
प्रभु के सेवको! प्रभु को धन्य कहो।
धर्मियों की आत्मोओं! प्रभु को धन्य कहो।
संतो और हृदय के दीन लोगों! प्रभु को धन्य कहो।
हनन्या, अजर्या और मीशाएल! प्रभु को धन्य कहो,
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
हम पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा को धन्य कहें।
उसकी स्तुति करें और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गायें।
स्वर्ग में विराजमान प्रभु! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय महिमामय और सर्वोच्च।
अग्र. : प्रभु तेरी प्रशंसा हो और सदा-सर्वदा तेरा गुणगान। आल्लेलूया।
अग्र. 3 : स्वर्ग में प्रभु की स्तुति करो; अल्लेलूया।
स्वर्ग में प्रभु की स्तुति करो।
आकाश में प्रभु की स्तुति करो।
प्रभु के सब दूतो! उसकी स्तुति करो।
समस्त विश्वमण्डल! उसकी स्तुति करो।
सूर्य और चन्द्रमा! उसकी स्तुति करो।
जगमगाते तारामण्डल! उसकी स्तुति करो।
सर्वोच्च आकाश! उसकी स्तुति करो।
आकाश के ऊपर के जल! उसकी स्तुति करो।
वे प्रभु के नाम की स्तुति करें,
क्योंकि उसके आदेश देते ही उनकी सृष्टि हुई।
उसने उन्हें सदा-सर्वदा के लिए स्थापित किया।
उसके ठहराये नियम अपरिवर्तनीय हैं।
मगर-मच्छो और समस्त गहराइयो!
पृथ्वी पर प्रभु की स्तुति करो।
आग और ओले, बर्फ और कोहरे!
प्रभु की आज्ञा मानने वाली आँधियो!
पर्वतों और सब पहाड़ियों!
फलदार वृक्षो और देवदारो!
बनैले और पालतू पशुओ!
रेंगने वाले सर्पो और उड़ने वाले पक्षियो!
पृथ्वी के राजाओ और समस्त राष्ट्रो!
पृथ्वी के क्षत्रपो और सभी शासको!
नवयुवकों और नवयुवतियों!
वृद्धो और बालको! प्रभु की स्तुति करो।
वे सब-के-सब प्रभु की स्तुति करें,
क्योंकि उसी का नाम महान् है।
उसकी महिमा पृथ्वी और आकाश से परे है।
उसने अपनी प्रजा को बल प्रदान किया है।
उसके सभी भक्त इस्राएल की सन्तान
तथा उसकी शरण में रहने वाली प्रजा,
सब-के-सब प्रभु की स्तुति करें।
अग्र. : स्वर्ग में प्रभु की स्तुति करो; अल्लेलूया।
प्रभु यह कहता है: मैं तुम्हारी कब्रों को खोल दूँगा। मेरी प्रजा! में तुम लोगों को कब्रों से निकाल का इस्राएल की धरती पर वापस ले जाऊँगा। मेरी प्रजा! जब मैं तुम्हारी कब्रों को खोल कर तुम लोगों को उन में से निकालूँगा, तो तुम लोग जान जाओगे कि मैं ही प्रभु हूँ। मैं तुम्हें अपना आत्मा प्रदान करूँगा और तुम में जीवन आ जायेगा। मैं तुम्हें तुम्हारी अपनी धरती पर बसाऊँगा और तुम लोग जान जाओगे कि मैं, प्रभु, ने यह कहा और पूरा भी किया’।"
लघु अनुवाक्य : तू ख्रीस्त है, जीवित ईश्वर का पुत्र, हम पर दया कर।
• तू पिता के दाहिने विराजमान है।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
अग्र. :बच्चों को मेरे पास आने दो। क्योंकि ईश्वर का राज्य उन जैसे लोगों का है।
धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।
वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।
उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।
बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।
हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र. :बच्चों को मेरे पास आने दो। क्योंकि ईश्वर का राज्य उन जैसे लोगों का है।
अगुआ : हम पिता से प्रार्थना करें जिन्होंने पवित्र आत्मा को हमारे हृदयोम में नयी ज्योति भरने के लिए भेजा।
समूह : हे प्रभु, अपने पवित्र आत्मा की ज्योति हम पर भेज दे।
• समस्त ज्योति का स्रोत, तू धन्य है – सारी सृष्टि तेरा गुणगान करती है।
• तेरे पुत्र के पुनरुत्थान से संसार में ज्योति फैल गई है – पवित्र आत्मा के वरदान द्वारा कलीसिया में तेरी ज्योति चमकती रहे।
• तेरे पवित्र आत्मा की ज्योति से चेलों ने येसु की शिक्षा का स्मरण किया – उस आत्मा का वरदान कलीसिया पर बरसा, जिससे वह उस शिक्षा का योग्य पालन करे।
• हे प्रभु, समस्त राष्ट्रों की ज्योति, उन लोगों को अपने प्रकाशमय दर्शन दे जो अंधकार की छाया में रहते हैं – उनके हृदय खोल दे जिससे वे तुझे अपना एकमात्र इश्वर मानें।
हे हमारे पिता ....
अगुआ :हे सर्वशक्तिमान शाश्वत ईश्वर, जो हम माँग सकते हैं और जिसे पाने के हम योग्य हैं, उससे भी कहीं बढ़ कर है हमारे प्रति तेरा प्रेमभरा उदार-भाव। तू अपनी अनुकम्पा की अपार निधि हमारे लिए खोल दे। जिन बातों को लेकर हमारी अन्तरात्मा व्याकुल है, उन सबको क्षमा कर। जिसे हम माँगने का साहस नहीं करते, उसे भी तू हमें देने की कृपा कर। हम यह निवेदन करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।