प्रभात वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह 4 - बुधवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : समस्त पथ्वी! प्रभु की स्तुति करो। आनन्द के साथ उसकी सेवा करो।

मंगलगान :

प्रभु तू मेरा रखवाला, प्रभु तू है मेरा उजाला
प्रभु तू सब देने वाला, प्रभु तू है प्रेम निवाला।

मेरे मन का तू ही सवेरा है, प्रभु तू ही मेरा बसेरा है,
प्रभु तू सब देने वाला, प्रभु तू है प्रेम निवाला॥

प्रभु तू ही भला गड़ेरिया है, प्रभु तू ही मेरा डगरिया है,
प्रभु तू सब देने वाला, प्रभु तू है प्रेम निवाला॥

मेरे जीवन का तू साथी है, मेरे कदमों की तू बाती है,
प्रभु तू सब देने वाला, प्रभु तू है प्रेम निवाला॥

अग्र. 1 : हे ईश्वर, मेरा हृदय तैयार है, तैयार है मेरा हृदय।


स्तोत्र 107 प्रभु की स्तुति और सहायता के लिए प्रार्थना।

ईश्वर! मेरा हृदय प्रस्तुत है।
मैं सारे हृदय से गाते-बजाते हुए भजन सुनाऊँगा।
सारंगी और वीणा! जागो।
मैं प्रभात को जगाऊँगा।

प्रभु! मैं राष्ट्रों के बीच तुझे धन्य कहूँगा।
मैं देश-विदेश में तेरा स्तुतिगान करूँगा;
क्योंकि आकाश के सदृश ऊँची है तेरी सत्यप्रतिज्ञता,
तारामण्डल के सदृश ऊँचा है तेरा सत्य।

ईश्वर! आकाश के ऊपर अपने को प्रदर्शित कर।
समस्त पृथ्वी पर तेरी महिमा प्रकट हो।
तू अपने दाहिने हाथ से हमें बचा, हम को उत्तर दे,
जिससे तेरे कृपापात्रों का उद्धार हो।

ईश्वर ने अपने मन्दिर में यह कहा:
"मैं सहर्ष सिखेम का विभाजन करूँगा
और सुक्कोथ की घाटी नाप कर बाँट दूँगा।

गिलआद प्रदेश मेरा है; मनस्से प्रदेश मेरा है;
एफ्रईम मेरे सिर का टोप है; यूदा मेरा राजदण्ड है;
मोआब मेरी चिलमची है; मैं एदोम पर अपनी चप्पल रखता हूँ;
मैं फिलिस्तिया को युद्ध के लिए ललकारता हूँ।"

कौन मुझे किलाबन्द नगर में पहुँचायेगा?
कौन मुझे एदोम तक ले जायेगा?
वही ईश्वर, जिसने हमें त्यागा है;
वही ईश्वर, जो अब हमारी सेनाओं का साथ नहीं देता।

शत्रु के विरुद्ध हमारी सहायता कर;
क्योंकि मनुष्य की सहायता व्यर्थ है।
ईश्वर के साथ हम शूरवीरों की तरह लड़ेंगे;
वही हमारे शत्रुओं को रौंदेगा।

अग्र. : हे ईश्वर, मेरा हृदय तैयार है, तैयार है मेरा हृदय।

अग्र. 2 : प्रभु ने मुझे मुक्ति और धार्मिकता के वस्त्र पहनाये।


भजन स्तुति : इसायाह 61:10-11; 62:1-5

मैं प्रभु में प्रफुल्लित हो उठता हूँ,
मेरा मन अपने ईश्वर में आनन्द मनाता है।

जिस तरह वर मौर बाँध कर
और वधू आभूषण पहन कर सुशोभित होते हैं,
उसी तरह प्रभु ने मुझे मुक्ति के वस्त्र पहनाये
और मुझे धार्मिकता की चादर ओढ़ा दी है।

जिस तरह पृथ्वी अपनी फ़सल उगाती है
और बाग़ बीजों को अंकुरित करता है,
उसी तरह प्रभु-ईश्वर सभी राष्ट्रों में
धार्मिकता और भक्ति उत्पन्न करेगा।

मैं सियोन के विषय में तब तक चुप नहीं रहूँगा,
मैं येरूसालेम के विषय में तब तक विश्राम नहीं करूँगा,
जब तक उसकी धार्मिकता उषा की तरह नहीं चमकेगी,
जब तक उसका उद्धार धधकती मशाल की तरह प्रकट नहीं होगा।

राष्ट्र तेरी धार्मिकता देखेंगे और समस्त राजा तेरी महिमा।
तेरा एक नया नाम रखा जायेगा, जो प्रभु के मुख से उच्चरित होगा।
तू प्रभु के हाथ में एक गौरवपूर्ण मुकुट बनेगी
अपने ईश्वर के हाथ में एक राजकीय किरीट।

तू न तो फिर ’परित्यक्ता’ कहलायेगी और न तेरा देश ’उजाड़’;
किन्तु तू ’परमप्रिय’ कहलायेगी
और तेरे देश का नाम होगाः ’सुहागिन’;
क्योंकि प्रभु तुझ पर प्रसन्न होगा
और तेरे देश को एक स्वामी मिलेगा।

जिस तरह नवयुवक कन्या से ब्याहता है,
उसी तरह तेरा निर्माता तेरा पाणिग्रहण करेगा।
जिस तरह वर अपनी वधू पर रीझता है,
उसी तरह तेरा ईश्वर तुझ पर प्रसन्न होगा।

अग्र. : प्रभु ने मुझे मुक्ति और धार्मिकता के वस्त्र पहनाये।


अग्र. 3 : जब तक मैं जीवित रहूँगा, प्रभु के भजन गाता रहूँगा।


स्तोत्र 145 प्रभु का भरोसा करने वाले धन्य हैं।

मेरी आत्मा! प्रभु की स्तुति करो।
मैं जीवन भर प्रभु की स्तुति करूँगा।
जब तक जीवित रहूँगा,
मैं प्रभु के भजन गाऊँगा।

न तो शासकों का भरोसा करो
और न किसी मनुष्य का, जो बचाने में असमर्थ हैं।
वे प्राण निकलते ही मिट्टी में मिल जाते हैं
और उसी दिन उनकी सब योजनाएँ व्यर्थ हो जाती हैं।

धन्य है वह, जिसका सहायक याकूब का ईश्वर है,
जो अपने प्रभु-ईश्वर का भरोसा करता है!
उसने ही स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है,
समुद्र को और जो कुछ उस में है।

प्रभु सदा ही सत्यप्रतिज्ञ है।
वह पददलितों को न्याय दिलाता
और भूखों को तृप्त करता है।
प्रभु बन्दियों को मुक्त करता है।

प्रभु अन्धों को दृष्टि प्रदान करता है।
प्रभु झुके हुए को सीधा करता है।
प्रभु धर्मियों को प्यार करता है।
प्रभु परदेशियों की रक्षा करता है।

वह अनाथ तथा विधवा को सँभालता,
किन्तु विधर्मियों के मार्ग में बाधा डालता है।
प्रभु सदा-सर्वदा राज्य करता रहेगा।
सियोन! वह पीढ़ी-दर-पीढी तेरा ईश्वर है।

अग्र. : जब तक मैं जीवित रहूँगा, प्रभु के भजन गाता रहूँगा।


धर्मग्रन्थ-पाठ : विधि-विवराण 4:39-40

आज यह जान लो और इस पर मन-ही-मन विचार करो कि ऊपर आकाश में तथा नीचे पृथ्वी पर प्रभु ही ईश्वर है; उसके सिवा कोई और ईश्वर नहीं है। मैं तुम लोगों को आज उसके नियम और आदेश सुनाता हूँ। तुम उनका पालन किया करो।

लघु अनुवाक्य अगुआ : मैं निरन्तर प्रभु का गुणगान करता रहूँगा।
समूह : मैं निरन्तर प्रभु का गुणगान करता रहूँगा।
• उसकी प्रशंसा सदा-सर्वदा मेरे अधरों पर रहेगी।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. :जीवन भर हम पवित्रता में प्रभु की सेवा करते रहें।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


अग्र. :जीवन भर हम पवित्रता में प्रभु की सेवा करते रहें।

सामूहिक निवेदन

अगुआ : : धन्य है ईश्वर, हमारे प्रभु येसु मसीह का पिता। मृतकों में से प्रभु येसु के पुनरुत्थान द्वारा उसने अपनी महत्ती दया से हमें जीवन्त आशा से परिपूर्ण नवजीवन प्रदान किया, उससे हम निवेदन करें:
समूह : हे पिता, हमें अपना बल प्रदान कर।
• हे पिता, अपने पुत्र येसु मसीह की ओर हमारी आँखें फिरा – वह हमें विश्वास में बढ़ा कर उसे पूर्णता तक पहुँचावे।
• हमें मुदित मन और उदार हृदय मिले – हम हमारे परिवारों को, काम-काज को और उन सबको, जिनसे हमारा सम्पर्क होता है, प्रसन्नता लायें।
• हन उनके लिए भी निवेदन करते हैं जो बेरोजगार हैं – जो काम करने में अशक्त हैं, जो बीमार हैं, जो काम खोजने में असमर्थ हैं, और जो काम-धंधे से अवकाश-प्राप्त हैं।
• हम उन सबके लिए भी निवेदन करते हैं जो आज के दिन अपने कार्यों में व्यस्त हैं – चाहे घर पर, कारखाने में, शहर-नगर में या खेती-बारी में।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु! अपने उस भव्य व्यवस्थान का स्मरण कर जो स्वर्गिक मेमने के रक्त से नवीन एवं पवित्र बन गया है। इसके फलस्वरूप तेरी प्रजा अपने पापों की क्षमा और ईश-कृपा की अत्तरोत्तर वृध्दि प्राप्त कर सके।हम यह निवेदन करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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Praise the Lord!