अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।
समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।
आमन्त्रक अग्र. : आइये, हम दण्डवत कर प्रभु की आराधना करें, क्योंकि वही हमारा ईश्वर है।
जागो, जागो, जागो,
गगन पवन और वन उपवन
करने नमन हे मन तुम जागो।।
भोर भये तुम उठ जाओ; पंछी देखो, मगन हो गाये,
क्यों हो तुम समय गँवाये; करने भजन तुम भी आब जागो।
कर लो ध्यान तुम कर लो विचार, फिर न मिले ये क्षण दो बार,
जीवन के हैं दिन दो-चार, करने पूजन मन तुम जागो॥
बहती है धारा, पलकें खोलो, खोज लो अपना धन अनमोल,
मिलता है तुमको सब बिन मोल, करने वन्दन मन तुम जागो॥
अग्र. 1 : हे ईश्वर के नगर, सब लोग तेरा गुणगान करते हैं।
प्रभु ने पवित्र पर्वत पर अपना नगर बसाया है।
वह याकूब के अन्य नगरों की अपेक्षा
सियोन के फाटकों को अधिक प्यार करता है।
ईश्वर के नगर लोग तेरा गुणगान करते हैं।
"मिस्र और बाबुल के लोग उसके नागरिक कहलायेंगे।
फिलिस्तिया, तीरुस और इथोपिया
सियोन को अपना जन्मस्थान मानेंगे।
"सब लोग सियोन को अपनी माता कहेंगे;
क्योंकि सब वहीं उत्पन्न हुए हैं।
सर्वोच्च प्रभु उसे सुदृढ़ बनाये रखता है।"
प्रभु राष्ट्रों की सूची में उनके विषय में लिखता है
कि सियोन उनका जन्मस्थान है।
सब-के-सब नृत्य करते हुए सियोन का गुणगान करते हैं।
अग्र. : हे ईश्वर के नगर, सब लोग तेरा गुणगान करते हैं।
अग्र. 2 : प्रभु सामर्थ्य के साथ आ रहा है। अपना विजयोपहार साथ ला रहा है।
देखो प्रभु-ईश्वर सामध्र्य के साथ आ रहा है।
वह सब कुछ अपने अधीन कर लेगा।
वह अपना पुरस्कार अपने साथ ला रहा है
और उसका विजयोपहार भी उसके साथ है।
वह गड़ेरिये की तरह अपना रेवड़ चराता है।
वह मेमने को उठा कर अपनी छाती से लगा लेता
और दूध पिलाने वाली भेडें धीरे-धीरे ले चलता है।
किसने सागर का जल अपनी अंजलि से मापा?
या आकाश का विस्तार अपने बित्ते से निर्धारित किया है?
किसने पृथ्वी की मिट्ठी टोकरे में उठायी है?
किसने पर्वतों को तुला पर या पहाड़ियों को तराजू पर तौला है?
किसने प्रभु के मन की थाह ली
या परामर्शदाता के रूप में उसे समझाया है?
प्रभु ने शिक्षा पाने के लिए किस से परामर्श लिया?
किसने प्रभु को न्याय का मार्ग दिखाया?
किसने प्रभु को ज्ञान की शिक्षा दी
या उसे विवेक का मार्ग दिखया?
निश्चय ही राष्ट्र घड़े में बूँद के सदृश हैं।
वे पलड़े पर धूलि के बराबर माने जाते हैं।
प्रभु द्वीपों को रजकण के समान उठा लेता है।
न तो लेबानोन र्का इंधन और न उसके पशु
प्रभु के यथायोग्य होम-बलि के लिए पर्याप्त हैं।
सभी राष्ट्र उनके सामने नगण्य हैं;
वे उसकी दृष्टि में नहीं के बराबर हैं।
अग्र. : प्रभु सामर्थ्य के साथ आ रहा है। अपना विजयोपहार साथ ला रहा है।
अग्र. 3 : हमारे प्रभु ईश्वर को धन्य कहो। उसके पवित्र पर्वत को धन्य कहो।
प्रभु राज्य करता है। राष्ट्र भयभीत हों।
वह केरूबों पर विराजमान है। पृथ्वी काँप उठे।
प्रभु सियोन में महान् है।
वह सब राष्ट्रों से ऊँचा है।
वे उसके विराट् एवं श्रद्धेय नाम का गुणगान करें।
प्रभु पवित्र है। शक्तिशाली न्यायप्रिय राजा!
तूने अपरिवर्तनीय न्याय स्थापित किया,
तू याकूब में निष्पक्षता से न्याय करता है।
हमारे प्रभु-ईश्वर को धन्य कहो,
उसके पावदान को दण्डवत् करो।
प्रभु पवित्र है।
हारून और मूसा उसके पुरोहित थे,
समूएल उसकी उपासना करता था।
उन्होंने प्रभु को पुकारा और उसने उनकी सुनी।
उसने बादल के खम्भे में से उन से बातें कीं।
उन्होंने प्रभु की आज्ञाओं और नियमों का पालन किया।
हमारे प्रभु-ईश्वर! तूने उनकी प्रार्थना सुनी।
तूने उन्हें अपराध का दण्ड दिया, किन्तु उन्हें क्षमा भी प्रदान की।
हमारे प्रभु-ईश्वर को धन्य कहो,
उसके पवित्र पर्वत को दण्डवत् करो।
हमारा प्रभु-ईश्वर पवित्र है।
अग्र. : हमारे प्रभु ईश्वर को धन्य कहो। उसके पवित्र पर्वत को धन्य कहो।
जिसे जो वरदान मिला है, वह ईश्वर के बहुविध अनुग्रह के सुयोग्य भण्डारी की तरह दूसरों की सेवा में उसका उपयोग करें। जो प्रवचन देता है, उसे स्मरण रहे कि वह ईश्वर के शब्द बोल रहा है। जो धर्मसेवा करता है वह जान ले कि ईश्वर की उसे बल प्रदान करता है। इस प्रकार सब बातों में ईसा मसीह द्वारा ईश्वर की महिमा प्रकट हो जायेगी।
लघु अनुवाक्य :
अगुआ : मैंने सारे हृदय से पुकारा, हे प्रभु मेरी सुन।
समूह : मैंने सारे हृदय से पुकारा, हे प्रभु मेरी सुन।
• मैं तेरे नियमों का पालन करूँगा।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
अग्र. :हम धार्मिकता से प्रभु की सेवा करें और वह हमको शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा।
धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।
वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।
उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।
बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।
हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र. :हम धार्मिकता से प्रभु की सेवा करें और वह हमको शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा।
अगुआ :हम स्वर्ग में विराजमान प्रभु इश्वर की आराधना और स्तुति करें। वही सब वस्तुओं का स्वामी है और उसके सम्मुख समस्त सृष्ट वस्तुयें कुछ नहीं के बराबर हैं।
समूह : हे प्रभु ईश्वर, हम तेरी आराधना करते हैं।
• हे शाश्वत पिता, यह तेरा वरदान ही है कि हम तेरी आराधना करें – हमारी सृष्टि आश्चर्यजनक तो है, किन्तु ख्रीस्त में पुनर्जीवित होने का हमारा गौरव एवं आनन्द इससे भी कहीं अधिक आश्चर्य का विषय है।
• हे प्रभु, एक नये दिन के प्रारम्भ में तू हमारे साथ रह – तुझे सदा खोजने के लिए हमारे हृदयों को प्रेरित कर और तेरी सेवा का हमारा संकल्प दृढ़ कर।
• तेरी उपस्थिति का ज्ञान हम में और गहरा कर दे – तूने जो कुछ बनाया, उन सब की प्रेम-भाव से कद्र करना हमें सिखा।
• तुझे जानने का अर्थ यह है कि उन सब से हम प्रेम रखें जिन्हें तूने बनाया – हमारा जीवन तथा काम-काज भातृ-सेवा के निमित्त हो।
हे हमारे पिता ....
अगुआ :हे सर्वशक्तिमान ईश्वर, मनुष्यों पर तू अपना महिमामय प्रकाश फैला दे। पूर्वकाल में जब हमारे प्रभु येसु मसीह, धार्मिकता का सूर्य स्वर्ग से उतरकर हमारे बीच आये थे, तूने ऐसा ही किया था। वही तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथे युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।