प्रभात वन्दना

पास्का का सातवाँ सप्ताह – शनिवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : ख्रीस्त प्रभु ने हमें पवित्र आत्मा को भेजने का वचन दिया है; आइये हम उनकी आराधना करें, अल्लेलूया।

मंगलगान

अग्र. 1 : मैंने जो शिक्षा दी है, वह आत्मा और जीवन है; अल्लेलूया।


स्तोत्र 118:145-152

प्रभु! मैंने सारे हृदय से तुझे पुकारा, मेरी सुन।
मैं तेरी संहिता का पालन करूँगा।
मैंने तेरी दुहाई दी, मेरा उद्धार कर
और मैं तेरे आदेशों का पालन करूँगा।

मैं भोर से पहले तुझे पुकारता हूँ।
मुझे तेरी प्रतिज्ञा का भरोसा है।
तेरी शिक्षा का मनन करने के लिए
मेरी आँखें रात के पहरों में खुली रहीं।

अपनी सत्यप्रतिज्ञता के अनुरूप मेरी सुन। प्रभु!
अपने निर्णय के अनुसार मुझे नवजीवन दे।
तेरी संहिता की उपेक्षा करने वाले
दुष्ट अत्याचारी मेरे निकट आ रहे हैं।

प्रभु! तू भी तो निकट है।
तेरी सब आज्ञाएँ विश्वसनीय हैं।
मैं बहुत पहले से यह जानता हूँ
कि तूने सदा के लिए अपनी शिक्षा स्थापित की है।

अग्र. :मैंने जो शिक्षा दी है, वह आत्मा और जीवन है; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : हे प्रभु, तूने अपने पवित्र पर्वत पर अपना मन्दिर खड़ा कर दिया है; अल्लेलूया।


भजन स्तुति : प्रज्ञा 9:1-6, 9-11

पूर्वजों के ईश्वर! दयासागर प्रभु!
तूने अपने शब्द से सब कुछ बनाया
और अपनी प्रज्ञा से मनुष्य को गढ़ा,

जिससे वह तेरी बनायी हुई सृष्टि का शीर्ष बने,
औचित्य और न्याय से संसार का शासन करें
और निष्कपट हृदय से निर्णय दे।

मुझे अपने सिंहासन पर विराजमान प्रज्ञा प्रदान कर
और अपने पुत्रों से मुझे अलग न कर।

क्योंकि मैं तेरा सेवक, तेरी दासी का पुत्र हूँ,
दुर्बल और अल्पायु मनुष्य हूँ,
मुझ में न्याय एवं विधि के ज्ञान का अभाव है।

वास्तव में यदि मनुष्यों में कोई पूर्ण हो,
किन्तु उस में तेरी प्रज्ञा न हो,
तो वह कुछ भी नहीं समझा जायेगा।

प्रज्ञा तेरे पास रहती है, वह तेरे कार्य जानती है।
वह विद्यमान थी, जब तूने संसार बनाया।
वह जानती है, कि तुझे क्या प्रिय है
और वह भी, जो तेरी आज्ञाओं के अनुकूल है।

प्रज्ञा को अपने पवित्र स्वर्ग से उतरने दे।
उसे अपने महिमामय सिंहासन से भेज,
जिससे वह मेरे साथ रह कर क्रियाशील हो
और मैं जानूँ कि तुझे क्या प्रिय है;

क्योंकि वह सब कुछ जानती और समझती है।
वह सावधानी से मेरा पथप्रदर्शन करेगी
और अपनी महिमा से मेरी रक्षा करेगी।

अग्र. : हे प्रभु, तूने अपने पवित्र पर्वत पर अपना मन्दिर खड़ा कर दिया है; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : मैं हूँ मार्ग, सत्य और जीवन; अल्लेलूया।


स्तोत्र 116 परम दयालु प्रभु की स्तुति।

समस्त जातियों! प्रभु की स्तुति करो
समस्त राष्ट्रों! उसकी महिमा गाओ;

क्योंकि हमारे प्रति उसका प्रेम समर्थ है।
उसकी सत्यप्रतिज्ञता सदा-सर्वदा बनी रहती है।

अग्र. : मैं हूँ मार्ग, सत्य और जीवन; अल्लेलूया।

धर्मग्रन्थ-पाठ : रोमियों 14:7-9

हम में कोई न तो अपने लिए जीता है और न अपने लिए मरता है। यदि हम जीते हैं, तो प्रभु के लिए जीते हैं और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिए मरते हैं। इस प्रकार हम चाहे जीते रहें या मर जायें, हम प्रभु के ही हैं। मसीह इसलिए मर गये और जी उठे कि वह मृतकों तथा जीवितों, दोनों के प्रभु हो जायें।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : प्रभु मृतकों में से जी उठे हैं; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : प्रभु मृतकों में से जी उठे हैं; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• वह हमारे लिए क्रूस पर मर गये।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. : देखो, मैं संसार के सन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ; अल्लेलूया।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : देखो, मैं संसार के सन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ; अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :आइये, हम पवित्र आत्मा से सबल होकर बपतिस्मा-प्राप्त सभी लोगों के साथ मिलकर प्रभु का गुणगान करें।
समूह : हे प्रभु, तू अपने पवित्र आत्मा से हमें पवित्र कर।
• तू अपने पवित्र आत्मा को हमारे मन और हृदय में भेज दे – लोगों के सम्मुख हम यह घोषित करें कि तू ही राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है।
• हमें निष्कपट प्रेम प्रदान कर – एक-दूसरे के लिए सच्चा प्रेम और सम्मान प्रदान कर।
• तेरी जीवन-दायिनी कृपा से विश्वासियों के हृदय नवीन कर – वे तेरे पवित्र आत्मा की प्रेरणा को स्वीकार करने के लिए सदा उदार तथा तैयार रहें।
• तेरे पवित्र आत्मा की ओर से हमें ऐसा मनोबल मिले जिससे हम अपने बिगड़े हुए जीवन को बना सकें – वह विनाश को विकास में बदल दे।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे सर्वशक्तिमान ईश्वर, हम अपने जीवन में उस रहस्य के प्रति निष्ठावान बने रहें, जिसका अनुष्ठान हमने पास्का के अवसर पर किया है। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।

अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।

समूह : ईश्वर को धन्यवाद, अल्लेलूया, अल्लेलूया।


Copyright © www.jayesu.com
Praise the Lord!