अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।
समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।
आमन्त्रक अग्र. : ख्रीस्त प्रभु, जीवन की रोटी है, आइये, हम उनकी आराधना करें।
अन्तर्निहित हे ईश! प्रेम से करूँ वन्दना मैं तेरी,
रोटी द्राक्षारस रूपों में छिपी हुई सत्ता तेरी;
बुध्दि-भक्ति रह गयी तुम्हारे आराधन में,
अर्पित है यह हृदय तुम्हारे पद-पंकज अर्चन में।
प्रभु पद-पंकज अर्चन में।
वहाँ क्रूस की वेदी पर था छिपा हुआ देवत्व तुम्हारा
और यहाँ सब आँखों से ओझल है मानत्व तुम्हारा
पर विश्वास किये दोनों पर, बढ़ते जाते पग मेरे
पश्चात्तापी डाकू की विनती दुहरा धीरे-धीरे।
देख नहीं पाता घावों ओ मैं थॉमस की भाँति हे प्रभु,
फिर भी तुझेको अपना ईश्वर मानूँ मैं हर भाँति हे प्रभु,
दो ऐसा वरदान कि बढ़ती जावे दिन-दिन मेरेई भक्ति,
तुझ पर ही आश्रित हो जावे मेरी आशा औ’ अनुरक्ति।
अग्र. 1 :तेरी प्रजा स्वर्गदूतों की रोटी खाती है। तू उन्हें स्वर्गिक रोटी प्रदान करता है; अल्लेलूया।
ईश्वर! तू ही मेरा ईश्वर है! मैं तुझे ढूँढ़ता रहता हूँ।
मेरी आत्मा तेरे लिए प्यासी है।
जल के लिए सूखी सन्तप्त भूमि की तरह,
मैं तेरे दर्शनों के लिए तरसता हूँ।
मैंने तेरे मंदिर में तेरे दर्शन किये,
मैंने तेरा सामर्थ्य और तेरी महिमा देखी है।
तेरी सत्यप्रतिज्ञता प्राणों से भी अधिक प्यारी है।
मेरा कण्ठ तेरी स्तुति करता था।
मैं जीवन भर तुझे धन्य कहूँगा
और तुझ से करबद्ध प्रार्थना करता रहूँगा।
मेरी आत्मा मानों उत्तम व्यंजनों से तृप्त होगी;
मैं उल्लसित हो कर तेरी स्तुति करूँगा।
मैं अपनी शय्या पर भी तुझे याद करता हूँ;
मैं रात भर तेरा मनन करता हूँ।
तू सदा मेरा सहारा रहा है;
मैं तेरे पंखों की छाया में सुखी हूँ।
मेरी आत्मा तुझे में आसक्त रहती है;
तेरा दाहिना हाथ मुझे सँभालता रहता है।
अग्र. :तेरी प्रजा स्वर्गदूतों की रोटी खाती है। तू उन्हें स्वर्गिक रोटी प्रदान करता है; अल्लेलूया।
अग्र. 2 :याजक ईश्वर के लिए लोबान और रोटी चढ़ाने के लिए अलग किये गये हैं; अल्लेलूया।
प्रभु की समस्त कृतियों! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के दूतों! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के ऊपर के जल! प्रभु को धन्य कहो।
विश्वमण्डल! प्रभु को धन्य कहो।
सूर्य और चंद्रमा! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के तारामण्डल प्रभु को धन्य कहो।
वर्षा और ओस! तुम दोनों प्रभु को धन्य कहो।
पवनो! तुम सब प्रभु को धन्य कहो।
अग्नि और ताप! प्रभु को धन्य कहो।
शीत और ग्रीष्म! प्रभु को धन्य कहो।
ओस और तुषार! प्रभु को धन्य कहो।
ठण्ड और पाले! प्रभु को धन्य कहो।
बर्फ और हिमपात! प्रभु को धन्य कहो।
रात और दिन! प्रभु को धन्य कहो।
प्रकाश और अन्धकार! प्रभु को धन्य कहो।
बिजली और बादलों! प्रभु की स्तुति करो
पृथ्वी प्रभु को धन्य कहे,
उसकी स्तुति करे और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाये।
पर्वतों और पहाड़ियों! प्रभु को धन्य कहो।
पृथ्वी के सब वनस्पतियो! प्रभु को धन्य कहो।
झरनो! प्रभु को धन्य कहो।
समुद्रों और नदियों! प्रभु को धन्य कहो।
मकर और जलचरगण! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के समस्त पक्षियो! प्रभु को धन्य कहो।
सब बनैले और पालतू पशुओं! प्रभु को धन्य कहो।
मनुष्य की सन्तति! प्रभु को धन्य कहो।
इस्राएल! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के याजको! प्रभु को धन्य कहो।
प्रभु के सेवको! प्रभु को धन्य कहो।
धर्मियों की आत्मोओं! प्रभु को धन्य कहो।
संतो और हृदय के दीन लोगों! प्रभु को धन्य कहो।
हनन्या, अजर्या और मीशाएल! प्रभु को धन्य कहो,
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
हम पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा को धन्य कहें।
उसकी स्तुति करें और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गायें।
स्वर्ग में विराजमान प्रभु! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय महिमामय और सर्वोच्च।
अग्र. :याजक ईश्वर के लिए लोबान और रोटी चढ़ाने के लिए अलग किये गये हैं; अल्लेलूया।
अग्र. 3 : मैं विजेता को अदृश्य मन्ना और एक नया नाम प्रदान करूँगा; अल्लेलूया।
प्रभु के आदर में नया गीत गाओ,
भक्तों की सभा में उसकी स्तुति करो।
इस्राएल अपने सृष्टिकर्ता में आनन्द मनाये।
सियोन के पुत्र अपने राजा का जयकार करें।
वे नृत्य करते हुए उसका नाम धन्य कहें,
डफली और सितार बजाते हुए प्रभु का भजन गायें;
क्योंकि प्रभु अपनी प्रजा को प्यार करता
और पददलितों का उद्धार करता है।
प्रभु के भक्त विजय के गीत सुनायें
और अपने शिविर में आनन्द मनायें।
उनका कण्ठ ईश्वर का गुणगान करे।
उनके हाथ में दुधारी तलवार हो,
जिससे वे अन्य जातियों से बदला चुकायें, राष्ट्रों को दण्डित करें,
उनके राजाओं को बेड़ियाँ पहना दें,
उनके नेताओं को लोहे की श्रृंखलाओं से बाँध लें
और उनके विरुद्ध दिया हुआ दण्ड पूरा करें।
इस में सभी भक्तों का गौरव है।
अग्र. : मैं विजेता को अदृश्य मन्ना और एक नया नाम प्रदान करूँगा; अल्लेलूया।
अग्र. : मैं स्वर्ग से उतरी जीवन्त रोटी हूँ। जो कोई यह रोटी खाता है, अनन्त काल तक जीवित रहेगा; अल्लेलूया।
धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।
वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।
उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।
बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।
हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र. : मैं स्वर्ग से उतरी जीवन्त रोटी हूँ। जो कोई यह रोटी खाता है, अनन्त काल तक जीवित रहेगा; अल्लेलूया।
अगुआ :हम हर्षित मन ख्रीस्त येसु से जो जीवन्त रोटी हैं, यह निवेदन करते हैं -
समूह : प्रभु वे धन्य हैं जो तेरे भोज में बुलाये गये हैं।
• हे प्रभु येसु ख्रीस्त, नये व्यवस्थान के शाश्वत महापुरोहित, तूने पिता को क्रूस की वेदी पर पूर्ण बलिदान चढ़ाया – हमें भी तेरे साथ यह बलिदान चढ़ाना सिखा।
• हे प्रभु ख्रीस्त, न्याय और शान्ति के राजा, तूने अपने ही आत्म-समर्पण के चिह्न-स्वरूप रोटी और दाखरस को प्रतिष्ठित किया – हमें भी बलि-साधन के रूप में अपने साथ एक बना ले।
• हे प्रभु येसु मसीह, तू सदैव पिता का आज्ञाकारी बना रहा। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक, दुनिया-भर में कलीसिया तेरा बलिदान बढ़ाया करति है – जो एक ही रोटी के सहभागी होते हैं, तू उन्हें एक ही शरीर में एक बना दे।
• हे प्रभु येसु ख्रीस्त, जिस प्रकार स्वर्ग से मन्ना बरसा, उसी प्रकार तू भी कलीसिया को अपने शरीर और रक्त से पोषित करता हैं – तेरे इस भोजन से सबल होकर हम तेरे मार्ग पर चलें।
• हे प्रभु येसु ख्रीस्त, हमारे प्रीति-भोज के अदृश्य अतिथि, तू हमारे द्वार खटखटाता है – हमारे यहाँ पधार कर अपने सत्य से हमारे हृदयों को भर दे, और हमारे साथ रहने की कृपा कर।
हे हमारे पिता ....
अगुआ :हे प्रभु येसु, तूने कलीसिया को अपने दुख-भोग के स्मारक-स्वरूप एक अपूर्व संस्कार प्रदान किया है। अपने शरीर और रक्त के रहस्य की इस प्रकार उपासना करना हमें सिखा कि इसकी मुक्तिदायिनी कृपा हमें सदा पवित्र करती रहे। तू पिता और पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीता और राज्य करता है।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।