पूर्व सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य रविवार - 15


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान


ज्योति के परमेश्वर, कृपा कर मुझ पर
मन मेरा अन्धकार में डूबा, अपनी ज्योति भर।

अंधियारे में पाप के कारण डूब रहा संसार।
तेरी उज्ज्वल ज्योति से मिट सकता है अंधकार।
इस संसार को ज्योतिर्मय कर दूँ, वो गुण मुझमें भर।

तेरी ज्योति मुझको जरूरी, मार्ग भी मुझको दिखता नहीं,
तेरे पीछे जो भी चलता, ठोकर खाकर गिरता नहीं।
मार्ग भी तेरा सीधा, सच्चा, न चिन्ता न डर।

अग्र. 1 : सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रभु का नाम धन्य है।


स्तोत्र 112 प्रभु का नाम धन्य है।


प्रभु के सेवकों! स्तुतिगान करो! प्रभु के नाम की स्तुति करो!
धन्य है प्रभु का नाम, अभी और अनन्त काल तक!

सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रभु के नाम की स्तुति हो।
प्रभु सभी राष्ट्रों का शासक है।
उसकी महिमा आकाश से भी ऊँची है।
हमारे प्रभु-ईश्वर के सदृश कौन?

वह उच्च सिंहासन पर विराजमान हो कर
स्वर्ग और पृथ्वी, दोनों पर दृष्टि रखता है।
वह धूल में से दीन को और कूड़े पर से
दरिद्र को ऊपर उठाता है।

वह उन्हें शासकों के साथ बैठाता है,
अपनी प्रजा के शासकों के साथ।
वह वन्ध्या को आनन्द प्रदान कर
उसे पुत्रवती माता के रूप में घर में बसाता है।

अग्र. : सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रभु का नाम धन्य है।

अग्र. 2 : मैं मुक्ति का प्याला उठाकर प्रभु का नाम लूँगा।


स्तोत्र 115 मिस्र देश से इस्राएल की मुक्ति।


यद्यपि मैंने कहा था, "मैं अत्यन्त दुःखी हूँ",
तब भी मैंने भरोसा नहीं छोड़ा।
मैंने संकट में पड़ कर यह भी कहा था,
"कोई मनुष्य विश्वसनीय नहीं है"।

प्रभु के सब उपकारों के लिए मैं उसे क्या दे सकता हूँ?
मैं मुक्ति का प्याला उठा कर प्रभु का नाम लूँगा।
मैं प्रभु की सारी प्रजा के सामने
प्रभु के लिए अपनी मन्नतें पूरी करूँगा।

अपने भक्तों की मृत्यु से प्रभु को भी दुःख होता है।
प्रभु! तूने मेरे बन्धन खोल दिये; क्योंकि मैं तेरा सेवक हूँ,
तेरा सेवक, तेरी सेविका का पुत्र।

मैं प्रभु का नाम लेते हुए धन्यवाद का बलिदान चढ़ाऊँगा।
येरूसालेम! मैं तेरे मध्य में ईश्वर के मन्दिर के प्रांगण में,
प्रभु की सारी प्रजा के सामने
प्रभु के लिए अपनी मन्नतें पूरी करूँगा।

अग्र. : मैं मुक्ति का प्याला उठाकर प्रभु का नाम लूँगा।

अग्र. 3 : प्रभु येसु ने अपने को दीन-हीन बना लिया; इसलिए ईश्वर ने उन्हें सदा के लिए महान बनाया।


भजन स्तुति : फिलिप्पियों 2:6-11


यद्यपि येसु मसीह ईश्वर थे
और उन को पूरा अधिकार था
कि वह ईश्वर की बराबरी करें,

फिर भी उन्होंने दास का रूप धारण कर
तथा मनुष्यों के समान बन कर
अपने को दीन-हीन बना लिया

और उन्होंने मनुष्य का रूप धारण करने के बाद
मरण तक, हाँ क्रूस पर मरण तक, आज्ञाकारी बन कर
अपने को और भी दीन बना लिया।

इसलिए ईश्वर ने उन्हें महान् बनाया
और उन को वह नाम प्रदान किया,
जो सब नामों में श्रेष्ठ है,

जिससे ईसा का नाम सुन कर आकाश,
पृथ्वी तथा अधोलोक के सब निवासी घुटने टेकें

और पिता की महिमा के लिए
सब लोग यह स्वीकार करें कि ईसा मसीह प्रभु हैं।

अग्र. : प्रभु येसु ने अपने को दीन-हीन बना लिया; इसलिए ईश्वर ने उन्हें सदा के लिए महान बनाया।


धर्मग्रन्थ-पाठ : इब्रानियों 13:20-21

शान्ति का ईश्वर जिसने शाश्वत विधान के रक्त द्वारा भेड़ों के महान् चरवाहे हमारे प्रभु ईसा को मृतकों में से पुनर्जीवित किया, आप लोगों को समस्त गुणों से सम्पन्न करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूरी करें। वह ईसा मसीह द्वारा हम में वह कर दिखाये, जो उसे प्रिय है। उन्हीं मसीह को अनन्त काल तक महिमा! आमेन!

लघु अनुवाक्य :
अगुआ हे प्रभु! तेरे कार्य कितने महान्‍ है।
समूह हे प्रभु! तेरे कार्य कितने महान्‍ है।
• तूने अपनी प्रज्ञा से उन सब की रचना की है
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान


अग्र. : ईश्वर का वचन बीज है और बोने वाला है मसीह। जो कोई यह वचन सुनता है, वह सदा जीवित रहेगा।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


अग्र. : ईश्वर का वचन बीज है और बोने वाला है मसीह। जो कोई यह वचन सुनता है, वह सदा जीवित रहेगा।

सामूहिक निवेदन


अगुआ : प्रभु येसु उन सब की सुधि लेते हैं जिन्हें उनकी जरूरत है, और प्रेम के कारण उनके लिए महान कार्य करते हैं। अपनी ज़रूरतें उनके पास पेश करने में हम संकोच न करें।
समूह : हे प्रभु, अपनी दयालुता हमें दिखा।
• हे प्रभु, हम जानते हैम कि आज के दिन हमने जो वरदान प्राप्त किये हैं, वे सब तेरी ही देन हैं – कृतज्ञता के साथ हम उन्हें ग्रहण करें और दूसरों को देना सीखें।
• हे प्रभु, मुक्तिदाता और सब लोगोम की ज्योति – तू अपने सन्देश-वाहकों की विशेष देख-रेख कर – तेरे पवित्र आत्मा की ज्योति उनमें प्रज्ज्वलित रहे।
• संसार तेरे सत्य के ज्ञान से भरपुर हो – हम उन कर्तव्यों को निभायें जिनके लिए हम बुलाये गये हैं; इसके लिए हमें तेरी कृपा मिले।
• तूने अपने बीमार और पीडित भाई-बहनों को चंगा किया। उनके दुख-दर्द दूर कर तथा स्वास्थ्यप्रद मनोबल प्रदान कर।
• मृत विश्वासियों को अनन्त विश्रान्ति दे – उन्हें वहाँ पहुँचा दे, जहाँ वे युगानुयुग तेरा यशोगान करेंगे।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना


अगुआ :हे ईश्वर पिता, तू पथ-भ्रष्टों पर अपने सत्य की ज्योति प्रकट कर उन्हें सन्मार्ग पर लौटने को प्रेरित करता है। बपतिस्मा की कृपा पाये सब लोग अपने ख्रीस्तीय आह्वान के योग्य बनने के लिए प्रयत्नशील रहें। जो भी इसके विपरीत हैं, उन सबका वे परित्याग करें। हम यह निवेदन करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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