अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।
समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।
अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
मार मार्गम् अत्यम् जीवन येसु, प्रियतम येसु अनुपम येसु।
सच्चाई का दर्पण येसु, सारे जग का जीवन येसु,
वह अपने भक्तों को मुक्ति देता।
शक्तिदाता है वह शक्ति देता।
गायेंगे हम प्रभु के गीत, हर वाणी से फूटेगी प्रीत,
गायेगा मेरे मन का ये सितार
झूमेगा संग मेरे सारा संसार
अग्र. 1 : येरूसालेम की शान्ति के लिए प्रार्थना करो।
मैं यह सुन कर आनन्दित हो उठाः
"आओ! हम ईश्वर के मन्दिर चलें"।
येरूसालेम! अब हम पहुँचे हैं,
हमने तेरे फाटकों में प्रवेश किया है।
एक सुसंघटित नगर के रूप में येरूसालेम का निर्माण हुआ है।
यहाँ इस्राएल का वंश, प्रभु के वंश आते हैं।
वे ईश्वर का स्तुतिगान करने आते हैं,
जैसा कि इस्राएल को आदेश मिला है।
यहाँ न्याय के आसन, दाऊद के वंश के आसन संस्थापित हैं।
येरूसालेम के लिए शान्ति का यह वरदान माँगों:
"जो तुझ को प्यार करते हैं, वे सुखी हों।
तेरी चारदीवारी में शान्ति बनी रहे! तेरे भवनों में सरुक्षा हो!"
मेरे भाई और मित्र यहाँ रहते हैं,
इसलिए कहता हूँ: "तुझ में शान्ति बनी रहे"।
हमारा प्रभु-ईश्वर यहाँ निवास करता है,
इसलिए मैं तेरे कल्याण की मंगलकामना करता हूँ।
अग्र. : येरूसालेम की शान्ति के लिए प्रार्थना करो।
अग्र. 2 : भोर की प्रतीक्षा करने वाले पहरेदारोम से भी अधिक मेरी आत्मा प्रभु की राह देखती है।
यद्यपि येसु मसीह ईश्वर थे
और उन को पूरा अधिकार था कि वह ईश्वर की बराबरी करें,
फिर भी उन्होंने दास का रूप धारण कर
तथा मनुष्यों के समान बन कर अपने को दीन-हीन बना लिया
और उन्होंने मनुष्य का रूप धारण करने के बाद
मरण तक, हाँ क्रूस पर मरण तक, आज्ञाकारी बन कर
अपने को और भी दीन बना लिया।
इसलिए ईश्वर ने उन्हें महान् बनाया
और उन को वह नाम प्रदान किया, जो सब नामों में श्रेष्ठ है,
जिससे ईसा का नाम सुन कर
आकाश, पृथ्वी तथा अधोलोक के सब निवासी घुटने टेकें
और पिता की महिमा के लिए
सब लोग यह स्वीकार करें कि ईसा मसीह प्रभु हैं।
अग्र. : येसु का नाम सुनकर स्वर्ग और पृथ्वी के सब निवासी घुटने टेकें।
अग्र. : जब येसु ने जनसमूह को देखा, वह पहाड़ पर चढ़े। अनके शिष्य उनके पास आये और वह उन्हें शिक्षा देने लगे।
"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;
क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!
उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।
उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।
इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र. : जब येसु ने जनसमूह को देखा, वह पहाड़ पर चढ़े। अनके शिष्य उनके पास आये और वह उन्हें शिक्षा देने लगे।
अगुआ : हम येसु से निवेदन करें, जो अपनी पूर्णता से भाई-बहनों को प्रेम के बदले में रेम देते हैं।
समूह : हे प्रभु येसु, हमारी विनय सुन।
• मृतकों में से सर्वप्रथम पुनर्जीवित होकर तूने अपने पावन रक्त से हमें पापों से शुध्द कर दिया है – हमें यह समझने की कृपा दे कि तूने हमारे लिए क्या और कितना किया है।
• तूने हमें सुसमाचार के प्रचारक बनने के लिए बुलाया है – हमें यह कृपा दे कि उस शुभ सन्देश की गहराई तक समझ कर उसे अपना बना सकें।
• हे शान्ति के राजेश्वर, तू सभी प्रशासकों का मार्ग-निर्देशक बन – तेरा पवित्र आत्मा उन्हें ऐसी प्रेरणा दे, जिससे वे विशेषकर उन लोगों की देखभाल कर सकें, जो समाज से परित्यक्त हैं।
• जो धर्म, जाति या रंग के कारण सताये जाते हैं, उनका तू मार्ग-निर्देशन कर – उनकी मर्यादा की कद्र की जाये और उनके अधिकारोम का समर्थन हो।
• तू उनका स्वागत कर, जो शान्ति की नींद सो रहे हैं – माता मरियम और संतों की संगति में उन्हें अनन्त जीवन प्रदान कर।
हे हमारे पिता ....
अगुआ :हे प्रभु, हमारे ईश्वर, हम तुझे सब वस्तुओं से बढ़कर प्यार करें और अपने सहभाइयों को ऐसे प्रेम के पात्र बनायें जो तेरे योग्य हों। हम यह निवेदन करते हैं उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।