अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।
समूह : हे प्रभु, हमारी सहाय्ता करने शीघ्र ही आ जा।
अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अन्तर्निहित हे ईश! प्रेम से करूँ वन्दना मैं तेरी,
रोटी द्राक्षारस रूपों में छिपी हुई सत्ता तेरी;
बुध्दि-भक्ति रह गयी तुम्हारे आराधन में,
अर्पित है यह हृदय तुम्हारे पद-पंकज अर्चन में।
प्रभु पद-पंकज अर्चन में।
वहाँ क्रूस की वेदी पर था छिपा हुआ देवत्व तुम्हारा
और यहाँ सब आँखों से ओझल है मानत्व तुम्हारा
पर विश्वास किये दोनों पर, बढ़ते जाते पग मेरे
पश्चात्तापी डाकू की विनती दुहरा धीरे-धीरे।
देख नहीं पाता घावों ओ मैं थॉमस की भाँति हे प्रभु,
फिर भी तुझेको अपना ईश्वर मानूँ मैं हर भाँति हे प्रभु,
दो ऐसा वरदान कि बढ़ती जावे दिन-दिन मेरेई भक्ति,
तुझ पर ही आश्रित हो जावे मेरी आशा औ’ अनुरक्ति।
अग्र. 1 : प्रभु दयालु है, वह अपने भक्तों को आहार प्रदान कर उन्हें तृप्त करता है और अपने चमत्कारों का उन्हें स्मरण दिलाता है।
धर्मियों की गोष्ठी में, लोगों की सभा में
मैं सारे हृदय से प्रभु की स्तुति करूँगा।
प्रभु के कार्य महान हैं।
भक्त जन उनका मनन करते हैं।
उसके कार्य प्रतापी और ऐश्वर्यमय हैं।
उसकी न्यायप्रियता युग-युगों तक स्थिर है।
प्रभु के कार्य स्मरणीय हैं।
प्रभु दयालु और प्रेममय है।
वह अपने भक्तों को तृप्त करता
और अपने विधान का सदा स्मरण करता है।
उसने अपनी प्रजा को राष्ट्रों की भूमि दिला कर
अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया।
उसके कार्य सच्चे और सुव्यवस्थित हैं।
उसके सभी नियम अपरिवर्तनीय हैं।
वे युग-युगों तक बने रहेंगे।
उनके मूल में न्याय और सत्य हैं।
उसने अपनी प्रजा का उद्धार किया
और अपना विधान सदा के लिए निश्चित किया।
उसका नाम पवित्र और पूज्य है।
प्रज्ञा का मूल स्रोत प्रभु पर श्रद्धा है।
जो उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं,
वे अपनी बुद्धिमानी का प्रमाण देते हैं।
प्रभु की स्तुति अनन्त काल तक होती है।
अग्र. : प्रभु दयालु है, वह अपने भक्तों को आहार प्रदान कर उन्हें तृप्त करता है और अपने चमत्कारों का उन्हें स्मरण दिलाता है।
अग्र. 2 : उसने अपनी कलीसिया को शान्ति प्रदान की है। वह उत्त्म गेहूँ से हमें तृप्त करता है।
येरूसालेम! प्रभु की स्तुति कर।
सियोन! अपने ईश्वर का गुणगान कर।
उसने तेरे फाटकों के अर्गल सुदृढ़ बना दिये,
उसने तेरे यहाँ के बच्चों को आशीर्वाद दिया।
वह तेरे प्रान्तों में शान्ति बनाये रखता
और तुझे उत्तम गेहूँ से तृप्त करता है।
वह पृथ्वी को अपना आदेश देता है,
उसकी वाणी शीघ्र ही फैल जाती है।
वह ऊन की तरह हिम बरसाता
और राख की तरह पाला गिराता है।
वह ओले के कण छितराता है।
ठण्ड के सामने कौन टिक सकता है?
वह आदेश देता है और बर्फ पिघलती है।
वह पवन भेजता है और जलधाराएँ बहती हैं।
वह याकूब को अपना आदेश देता
और इस्राएल के लिए अपना विधान घोषित करता है।
उसने किसी अन्य राष्ट्र के लिए ऐसा नहीं किया।
उसने उनके लिए अपने नियम नहीं प्रकट किये।
अग्र. : उसने अपनी कलीसिया को शान्ति प्रदान की है। वह उत्त्म गेहूँ से हमें तृप्त करता है।
अग्र. 3 : मैं तुम लोगों से कहता हूँ – मूसा ने तुम्हें जो दिया, वह स्वर्ग की रोटी नहीं थी। मेरा पिता तुम्हें स्वर्ग की सच्ची रोटी देता है।
अल्लेलूया!
हमारे ईश्वर को विजय, महिमा और सामर्थ्य,
क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और न्याय-संगत हैं। अल्लेलूया!
अल्लेलूया!
तुम सब, जो ईश्वर की सेवा करते हो
और तुम छोटे-बड़े, जो उस पर श्रद्धा रखते हो,
हमारे ईश्वर की स्तुति करो। अल्लेलूया!
अल्लेलूया!
हमारे सर्वशक्तिमान् प्रभु-ईश्वर ने राज्याधिकार ग्रहण किया है।
हम उल्लसित हो कर आनन्द मनायें
और ईश्वर की महिमा गायें। अल्लेलूया!
अल्लेलूया!
क्योंकि मेमने के विवाहोत्सव का समय आ गया है।
उसकी दुल्हन अपना श्रृंगार कर चुकी है। अल्लेलूया!
अग्र. : मैं तुम लोगों से कहता हूँ – मूसा ने तुम्हें जो दिया, वह स्वर्ग की रोटी नहीं थी। मेरा पिता तुम्हें स्वर्ग की सच्ची रोटी देता है।
क्या, आशिष का प्याला, जिस पर हम आशिष की प्रार्थना पढ़ते हैं, हमें मसीह के रक्त का सहभागी नहीं बनाता? क्या वह रोटी, जिसे हम तोड़ते हैं, हमें मसीह के शरीर का सहभागी नहीं बनाती? रोटी तो एक ही है, इसलिए अनेक होने पर भी हम एक हैं; क्योंकि हम सब एक ही रोटी के सहभागी हैं।
लघु अनुवाक्य :
अगुआ : उसने उन्हें खाने का स्वर्ग की रोटी दी, अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : उसने उन्हें खाने का स्वर्ग की रोटी दी, अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• मनुष्यों ने स्वर्गदूतों का भोजन चख लिया है।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
अग्र. : हे प्रभु! तू कितना भला है और कितना सौम्य है तेरा आत्मा! अपना भलापन दिखाने के लिए पुत्रों को तूने अच्छी चीज़ों से तृप्त किया और धनियों को तूने खाली हाथ लौटाया है।
धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।
वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।
उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।
बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।
हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र. : हे प्रभु! तू कितना भला है और कितना सौम्य है तेरा आत्मा! अपना भलापन दिखाने के लिए पुत्रों को तूने अच्छी चीज़ों से तृप्त किया और धनियों को तूने खाली हाथ लौटाया है।
अगुआ :सब लोग उस भोजन के लिए आमंत्रित हैं जिसमें येसु मसीह संसार के जीवन के लिए अपना शरीर और रक्त प्रदान करते हैं। हम आग्रहपूर्वक उनसे निवेदन करें।
समूह : हे प्रभु येसु, हमें अनन्त जीवन की रोटी दे।
• तूने अपनी यादगार में हमें यूखारिस्तीय भोज सम्पन्न करने का आदेश दिया है – कलीसिया को इस रहस्य के योग्य समारोह से सम्पन्न बना दे।
• हे प्रभु येसु, शाश्वत महापुरोहित, तूने अपने पुरोहितों को संस्कारों के परिचारक बनने का अधिकार दिया है – तेरी सहायता पाकर वे उदारतापूर्वक हर्षित मन से तेरे कामों में हाथ बटायें।
• हे प्रभु येसु, स्वर्ग से उतर आये मन्ना, जो तेरी रोटी बाँट कर खाते हैं तू उन्हें एक मन बना दे – उन्हें शान्ति और एकता प्रदान कर जो तुझमें विश्वास करते हैं।
• हे प्रभु येसु, स्वर्गिक वैद्य तथा जीवनदाता, जो तेरी रोटी खाते हैं उन्हें तू पुनरुत्थान की आशा और संजीवन का चिर-उपचार प्रदान कर – रोगियों को स्वास्थ्य और पापियों को क्षमा-प्राप्ति की पूर्ण आशा का वरदान दे।
• हे प्रभु येसु, तू अपनी राजसी महिमा में फिर आने वाला है – हम जानते हैं कि जब-जब हम तेरे मुक्ति-रहस्यों का अनुष्ठान करते हैं, तेरे पुनरुत्थान तक तेरी मृत्यु की घोषणा करते हैं – जो तुझमें विश्वास कर चिर-निद्रा में सो गये हैं, उन सबको अपने पुनरुत्थान के भागी बना।
हे हमारे पिता ....
अगुआ :हे प्रभु येसु, तूने कलीसिया को अपने दुख-भोग के स्मारक-स्वरूप एक अपूर्व संस्कार प्रदान किया है। अपने शरीर और रक्त के रहस्य की इस प्रकार उपासना करना हमें सिखा कि इसकी मुक्तिदायिनी कृपा हमें सदा पवित्र करती रहे। तू पिता और पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीता और राज्य करता है।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।