अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।
समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।
अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
निर्मलता का मन मुझ में, तू ही बना दो दाता,
शांति दया संभव मेरे, दिल में बसा दो दाता॥
मन मोहों से दूर हटा दो, पापों से मुझे तारो,
दीन दुखी से प्रेम करूँ मैं, सेवा का मन मन्दिर हो॥
मन भावुक हो, भाव प्रबल हो, दूजों की समझूँ पीड़ा,
सबकी खुशी में, मेरी खुशी हो, दुनिया दो पल का डेरा॥
अग्र. 1 : प्रभु मेरे प्रेम का पात्र है, वही मेरी शरण का क्षेत्र है। वही मेरे भरोसा का केंद्र है।
प्रभु, मेरी चट्टान, धन्य है! वह मेरे हाथों को युद्ध का
और मेरी उँगलियों को समर का प्रशिक्षण देता है।
वह मेरा सहायक है, मेरा शरणस्थान,
मेरा गढ़, मेरा मुक्तिदाता और मेरी ढाल।
मैं उसकी शरण जाता हूँ।
वह अन्य राष्ट्रों को मेरे अधीन करता है।
प्रभु! मनुष्य क्या है, जो तू उस पर ध्यान दे?
आदम का पुत्र क्या है, जो तू उसकी सुधि ले?
मनुष्य तो श्वास के सदृश है।
उसका जीवन छाया की तरह मिट जाता है।
प्रभु! आकाश खोल कर उतर आ!
पर्वतों का स्पर्श कर, जिससे वे धुआँ उगलें।
बिजली चमका और शत्रुओं को तितर बितर कर।
अपने बाण चला और उन्हें भगा दे।
ऊपर से अपना हाथ बढ़ा कर मुझे बचा,
भीषण जलधारा से, विदेशियों के हाथ से मुझे छुड़ा।
वे अपने मुँह से असत्य बोलते
और दाहिना हाथ उठा कर झूठी शपथ खाते हैं।
अग्र. : प्रभु मेरे प्रेम का पात्र है, वही मेरी शरण का क्षेत्र है। वही मेरे भरोसा का केंद्र है।
अग्र. 2 : वह प्रजा, सौभाग्यशाली है, जिसका ईश्वर है प्रभु!
ईश्वर! मैं तेरे लिए एक नया गीत गाऊँगा,
मैं वीणा बजाते हुए तेरी स्तुति करूँगा।
तू राजाओं को विजय दिलाता
और घातक तलवार से अपने दास दाऊद की रक्षा करता है।
तू मुझे विदेशियों के हाथ से छुड़ा।
वे अपने मुँह से असत्य बोलते
और दाहिना हाथ उठा कर
झूठी शपथ खाते हैं।
हमारे पुत्र बाल-वृक्षों की तरह हैं-
युवावस्था में पूर्ण विकसित।
हमारी पुत्रियाँ तराशे हुए खम्भों की तरह हैं-
महल के कोणों पर सुशोभित।
हमारे बखार हर प्रकार की उपज से भरपूर हैं।
हमारी भेड़ों के झुण्ड चरागाहों में हजारो-लाखों गुना बढ़ते हैं।
हमारे बैल भारी बोझ ढोते हैं।
हमारी चारदीवारी में न तो कोई दरार है,
न युद्ध का कोई उपक्रम है और न हमारे चैकों में कोई गोहार।
सौभाग्यशाली है वह प्रजा, जो इस तरह समृद्ध है!
सौभाग्यशाली है वह प्रजा, जिसका ईश्वर प्रभु है!
अग्र. : वह प्रजा, सौभाग्यशाली है, जिसका ईश्वर है प्रभु!
अग्र. 3 : अब हमारे ईश्वर की विजय और राजत्व प्रकट हुआ है।
सर्वशक्तिमान् प्रभु-ईश्वर, जो है और जो था!
हम तुझे धन्यवावद देते हैं,
क्योंकि तूने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया
और राज्याधिकार ग्रहण कर लिया है।
’राष्ट्र क्रुद्ध हो गये थे, किन्तु तेरा क्रोध आ गया है
और वह समय भी, जब मृतकों का न्याय किया जायेगा;
जब तेरे सेवकों, तेरे नबियों और तेरे सन्तों को पुरस्कार दिया जायेगा
और उन सबों को भी, चाहे वे छोटे या बड़े हों,
जो तेरे नाम पर श्रद्धा रखते हैं;
अब हमारे ईश्वर की विजय, सामर्थ्य तथा राजत्व
और उसके मसीह का अधिकार प्रकट हुआ है;
क्योंकि हमारे भाइयों का वह अभियोक्ता गिरा दिया गया है,
जो दिन-रात ईश्वर के सामने उस पर अभियोग लगाया करता था।
वे मेमने के रक्त और अपने साक्ष्य के द्वारा उस पर विजयी हुए,
क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का मोह छोड़ कर मृत्यु का स्वागत किया;
इसलिए स्वर्ग और उसके निवासी आनन्द मनायें।
अग्र. : अब हमारे ईश्वर की विजय और राजत्व प्रकट हुआ है।
आप को विश्वास में दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होना चाहिए जो आप को सुसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह सुसमाचार आकाश के नीचे की समस्त सृष्टि को सुनाया गया है।
लघु अनुवाक्य:
अगुआ : प्रभु मेरा चरवाहा है; मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं।
समूह : प्रभु मेरा चरवाहा है; मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं।
• हरे-भरे मैदानों में वह मुझे विश्राम देता है।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
अग्र. :न्याय के भूखों को प्रभु ने उत्तम वस्तुओं से तृप्त किया है।
"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;
क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!
उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।
उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।
इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र : न्याय के भूखों को प्रभु ने उत्तम वस्तुओं से तृप्त किया है।
अगुआ :ज्योति अंधकार में चमकती है और अंधकार उसे नहीं दबा सकता। हम प्रभु को धन्यवाद दें क्योंकि उनकी ज्योति हमारे जीवन को आलोकित करती है।
समूह : हे प्रभु येसु, तू हमारी ज्योति है।
• हे ईश्वर के अनादि शब्द, तूने अंधकारमय संसार को अपनी ज्योति से आलोकित किया है – वह ज्योति कलीसिया के पुत्र-पुत्रियों के हृदयों को प्रकाशित करे।
• जिन व्यक्तियों ने दूसरों की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है, तू उन सब की देखभाल कर – तेरी कृपा उनके आर्यों में प्रेरणा बने और अन्त तक उन्हें संभाले।
• हे प्रभु, तूने अर्ध्दांग रोगी को चंगा किया और उनके सब पाप क्षमा कर दिये – हमारे पापों को क्षमा कर और उनके दागों को तू पूर्णत: मिटा दे।
• नयी-नयी रोशनी की राह चलते मानव नये-नये ज्ञान-विज्ञान एवं आविष्कारों की ओर बढ़ते हैं – वे तेरे वरदानों का सदुपयोग करें और समस्त मानव-परिवार का कल्याण तथा तेरे पवित्र नाम की महिमा करें।
• मृत्यु-लोक के अंधकार से मृतकों को अपने अद्भुयत प्रकाश में ले जा – तू दयापूर्वक उन्हें अपनी महिमा के दिव्य आलोक का दर्शन करा।
हे हमारे पिता
अगुआ : हे प्रभु, हमारी सन्ध्या-वन्दना कृपापूर्वक स्वीकार कर। हमें यह वर दे कि तेरे पुत्र के आदर्श पर चलने में हम स्थिर रहें और इस तरह सत्कर्मों की फसल बटोर सकें। हम यह निवेद्न करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।