सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह - 4 मंगलवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान

कर आलोकित मेरे भगवान, जिस डगर पर मैं चलूँ
हर कदम-कदम पर बढ़कर, प्रेम की सेवा मैं करूँ

तू बुलाता है मुझे, करूँ मैं तेरा अनुसरण
तेरे पदचिह्नों पे मैं चलकर, तेरी इच्छा पूरी करूँ

चुन लिया है तूने, मुझे शक्ति तू ही दो
बुझते दीयों को मैं जलाऊँ, रोशन हर दिल को मैं करूँ।

अग्र. 1 : येरूसालेम, यदि मैं उझे भूल जाऊँ, तो मेरा दाहिना हाथ सूख जाये।


स्त्रोत्र 136:1-6

बाबुल की नदियों के तट पर बैठ कर
हम सियोन की याद करते हुए रोते थे।
आस-पास खड़े मजनूँ के पेड़ों पर
हमने अपनी वीणाएँ टाँग दी थीं।

जो लोग हमें बन्दी बना कर ले गये थे,
वे हम से भजन गाने को कहते थे।
हम पर अत्याचार करने वाले हम से आनन्द के गीत चाहते थे।
वे हम से कहते थे: "सियोन का कोई गीत सुनाओ"।

हम पराये देश में रहते हुए प्रभु का भजन कैसे गा कर सुनायें?
येरूसालेम! यदि मैं तुझे भुला दूं, तो मेरा दाहिना हाथ सूख जाये।

यदि मैं तुझे याद नहीं करूँ,
यदि मैं येरूसालेम को
अपना सर्वोत्तम आनन्द नहीं मानूँ,
तो मेरी जीभ तालू से चिपक जाये।

अग्र. : येरूसालेम, यदि मैं उझे भूल जाऊँ, तो मेरा दाहिना हाथ सूख जाये।

अग्र. 2 : मैं स्वर्गदूतों के सामने तेरी स्तुति करूँगा।


स्त्रोत्र 137 धन्यवाद ज्ञापन।

प्रभु! मैं सारे हृदय से तुझे धन्यवाद देता हूँ;
क्योंकि तूने मेरी सुनी है।
मैं स्वर्गदूतों के सामने तेरी स्तुति करता हूँ।
मैं तेरे पवित्र मन्दिर को दण्डवत् करता हूँ।

मैं तेरे अपूर्व प्रेम की सत्यप्रतिज्ञा के कारण
तेरे नाम का गुणगान करता हूँ।
जिस दिन मैंने तुझे पुकारा, उस दिन तूने मेरी सुनी
और मुझे आत्मबल प्रदान किया।

प्रभु! पृथ्वी भर के राजा तेरा गुण-गान करें,
क्योंकि वे तेरे मुख की प्रतिज्ञाएँ सुन चुके हैं।
वे प्रभु के कार्यों का बखान करें,
"प्रभु की महिमा अपार है"।

प्रभु महान् है। वह दीनों पर दया-दृष्टि करता
और धमण्डियों से मुँह फेर लेता है।
विपत्ति में तू मुझे नवजीवन प्रदान करता
और मेरे शत्रुओं पर हाथ उठाता है।

तेरा दाहिना हाथ मेरा उद्धार करता है।
प्रभु अन्त तक तेरा साथ देगा।
प्रभु! तेरी सत्यप्रतिज्ञता चिरस्थायी है।
अपनी सृष्टि को सुरक्षित रखने की कृपा कर।

अग्र. : मैं स्वर्गदूतों के सामने तेरी स्तुति करूँगा।

अग्र. 3 : वध किया हुआ मेमना सम्मान और महिमा का अधिकारी है।


भजन स्तुति : प्रकाशना 4:11; 5:9-10, 12

हमारे पुभु-ईश्वर!
तू महिमा, सम्मान और सामर्थ्य का अधिकारी है;
क्योंकि तूने विश्व की सृष्टि की है।
तेरी ही इच्छा से वह अस्तित्व में आया और उसकी सृष्टि हुई है।

तू पुस्तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्य है,
क्योंकि तेरा वध किया गया है।
तूने अपना रक्त बहा कर ईश्वर के लिए
प्रत्येक वंश, भाष्षा, प्रजाति और राष्ष्ट्र से मनुष्ष्यों को खरीद लिया।

तूने उन्हें हमारे ईश्वर की दृष्टि में याजकों का राजवंश बना दिया है
और वे पृथ्वी पर राज्य करेंगे।
बलि चढ़ाया हुआ मेमना सामर्थ्य, वैभव, प्रज्ञा, शक्ति, सम्मान,
महिमा तथा स्तुति का अधिकारी है"।

अग्र. : वध किया हुआ मेमना सम्मान और महिमा का अधिकारी है।


धर्मग्रन्थ-पाठ : कलोसियों 3:16

मसीह की शिक्षा अपनी परिपूर्णता में आप लोगों में निवास करें। आप बड़ी समझदारी से एक दूसरे को शिक्षा और उपदेश दिया करें। आप कृतज्ञ हृदय से ईश्वर के आदर में भजन, स्तोत्र और आध्यात्मिक गीत गाया करें।

लघु अनुवाक्य: अगुआ : हे प्रभु, अपने सान्निध्य से तू मुझे परमानन्द प्रदान करेगा।
समूह : हे प्रभु, अपने सान्निध्य से तू मुझे परमानन्द प्रदान करेगा।
• मैं तेरे दाहिनी ओर अनन्त काल तक परमानन्द पाऊँगा।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान

अग्र. :हे प्रभु, तू हमारे लिए महान कार्य कर, क्योंकि तू सर्वशक्तिमान है और तेरा नाम पवित्र है।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र : हे प्रभु, तू हमारे लिए महान कार्य कर, क्योंकि तू सर्वशक्तिमान है और तेरा नाम पवित्र है।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :ख्रीस्त ने हमें स्वर्ग राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज में लगे रहना सिखाया। उस राज्य में हमारी आवश्यकतायें पूरी की जायेंगी। तब तक हम यों प्रार्थना करें ...
समूह : हे प्रभु! तेरा राज्य आवे।
• धन्य हैं वे जो ईश्वर की खोज करने की ज़रूरत समझते हैं – निर्मल हृदय से तेरे दर्शन के लिए लालयित होना हमें सिखा।
• धन्य हैं वे जो प्रतिफल की प्रतीक्षा किये बिना परिश्रम करते हैं और धार्मिकता के कारण अत्याचार सहते हैं – अपने सान्निध्य से उन्हें सान्त्वना प्रदान कर और उनका भार हल्का कर दे।
• धन्य हैं वे जो विनम्र, दयालु और क्षमाशील हैं – वे अपने जीवन-काल के अन्त में तेरे क्षमा-दान का अनुभव करेंगे।
• धन्य हैं वे जो मेल कराते हैं, जो वैर-भाव दूर कर भाई-चारा स्थापित करते हैं – सचमुच वे ईश्वर के पुत्र-पुत्रियाँ हैं।
• जो अपने मृत सगे-संबंधियों के लिए शोक मनाते हैं, उन्हें तू सान्त्वना प्रदान कर – वे ख्रीस्त की शान्ति में सोये हुये लोगों की भव्य आशा के भागी बनें।

हे हमारे पिता

समापन प्रार्थना

अगुआ : हे प्रभु, हमें यह कृपा दे कि हम जिन बातों को अपने होठों से करते हैं, उन पर हृदय से सदा चिंतन भी करें। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।


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Praise the Lord!