सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह - 3 बुधवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान

साथ रहना प्रभु जी, साँझ हो रही है,
राहों में अंधेरा फैल रहा है।

ज़िन्दगी के हर पहर में, साथ रहना प्रभुजी,
आँसू की घाटी से जब हम चलें – साथ रहना प्रभुजी।

जीवन की ज्योति बन कर, साथ रहना प्रभुजी,
जीवन की रोटी बन कर, साथ रहना प्रभुजी॥

अग्र. 1 : जो रोते-रोते बीज बोते हैं, वे गाते-गाते फसल लुनते हैं।


स्तोत्र 125 प्रभु में आनन्द एवं भरोसा।

जब प्रभु ने सियोन के निर्वासितों को लौटाया,
तो हमें लगा कि हम स्वप्न देख रहे हैं।
हमारे मुख पर हँसी खिल उठी,
हम आनन्द के गीत गाने लगे।

गैर-यहूदी आपस में यह कहते थे:
"प्रभु ने उनके लिए अपूर्व कार्य किये हैं"।
उसने वास्तव में हमारे लिए अपूर्व कार्य किये हैं
और हम आनन्दित हो उठे।

प्रभु! मरुभूमि की नदियों की तरह हमारे निर्वासितों को लौटा दे।
जो रोते हुए बीज बोते हैं, वे गाते हुए लुनते हैं;
जो बीज ले कर जाते हैं, जो रोते हुए जाते हैं,
वे पूले लिये लौटते हैं, वे गाते हुए लौटते हैं।

अग्र. : जो रोते-रोते बीज बोते हैं, वे गाते-गाते फसल लुनते हैं।

अग्र. 2 : प्रभु हमारे लिए एक भवन का निर्माण करेगा। वह हमारे नगर की रक्षा करेगा।


स्तोत्र 126 ईश्वर के आशीर्वाद के अभाव में परिश्रम व्यर्थ है।

यदि प्रभु ही घर नहीं बनाये, तो राजमन्त्रियों का श्रम व्यर्थ है।
यदि प्रभु ही नगर की रक्षा नहीं करे, तो पहरेदार व्यर्थ जागते हैं।

कठोर परिश्रम की रोटी खानेवालो!
तुम व्यर्थ ही सबेरे जागते और देर से सोने जाते हो;
वह अपने सोये हुए भक्त का भरण-पोषण करता है।

पुत्र प्रभु द्वारा दी हुई विरासत है,
सन्तति प्रभु द्वारा प्रदत्त पारितोशिक है।
तरुणाई के पुत्र योद्धा के हाथ में बाणों-जैसे हैं।

धन्य है वह मनुष्य, जिसने उन से अपना तरकश भर लिया है!
जब उसे नगर के फाटकों पर शत्रुओं का सामना करना पड़ेगा,
तो वह लज्जित नहीं होगा।

अग्र. : प्रभु हमारे लिए एक भवन का निर्माण करेगा। वह हमारे नगर की रक्षा करेगा।

अग्र. 3 : वह समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं, सारी सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ हैं।


भजन स्तुति : कलोसियों :1:12-20

हम पिता को धन्यवाद दें, जिसने हमें इस योग्य बनाया है
कि हम ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बनें।

ईश्वर हमें अन्धकार की अधीनता से निकाल कर
अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया।
उस पुत्र के द्वारा हमारा उद्धार हुआ है,
अर्थात् हमें पापों की क्षमा मिली है।

ईसा मसीह अदृश्य ईश्वर के प्रतिरूप तथा समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं;
क्योंकि उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है।
सब कुछ - चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर,
चाहे दृश्य हो या अदृश्य, और स्वर्गदूतों की श्रेणियां भी –

सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है।
वह समस्त सृष्टि के पहले से विद्यमान हैं
और समस्त सृष्टि उन में ही टिकी हुई है।
वही शरीर अर्थात् कलीसिया के शीर्ष हैं।

वही मूल कारण हैं और
मृतकों में से प्रथम जी उठने वाले भी,
इसलिए वह सभी बातों में सर्वश्रेष्ठ हैं।
ईश्वर ने चाहा कि उन में सब प्रकार की परिपूर्णता हो।

मसीह ने क्रूस पर जो रक्त बहाया,
उसके द्वारा ईश्वर ने शान्ति की स्थापना की।
इस तरह ईश्वर ने उन्हीं के द्वारा सब कुछ का,
चाहे वह पृथ्वी पर हो या स्वर्ग में, अपने से मेल कराया।

अग्र. : वह समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं, सारी सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ हैं।


धर्मग्रन्थ-पाठ : एफेसियों 3:20-21

जिसका सामर्थ्य हम में क्रियाशील है और जो वे सब कार्य सम्पन्न कर सकता है, जो हमारी प्रार्थना और कल्पना से अत्यधिक परे है, उसी को कलीसिया और ईसा मसीह द्वारा पीढ़ी दर-पीढ़ी युग-युगों तक महिमा! आमेन!

लघु अनुवाक्य
अगुआ: हे प्रभु! मेरा उध्दार कर और अपनी दया मुझ पर प्रदर्शित कर।
समूह: हे प्रभु! मेरा उध्दार कर और अपनी दया मुझ पर प्रदर्शित कर।
• पापियों के साथ मुझे न ढ़केल दे।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान

अग्र. :सर्वशक्तिमान ने मेरे लिए महान कार्य किये हैं, पवित्र है उसका नाम।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र : सर्वशक्तिमान ने मेरे लिए महान कार्य किये हैं, पवित्र है उसका नाम।


सामूहिक निवेदन

अगुआ : मेरा विश्वास इतना दृढ़ हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है तो मैं कुछ भी नहीं हूँ। इसे ध्यान में रखते हुये हम निवेदन करें
समूह : हे प्रभु, हमें अपना प्रेम प्रदान कर।
• तेरे अनुरूप बनने और तेरी ओर बढ़ने के प्रयास में तू हमारा सहारा बन – हमारे प्रयासों के साथ-साथ हमारे विश्वास को भी बढ़ा दे।
• अस्थिरता के हम शिकार बने हैं और अनिश्चितता के भार से दबे हुए हैं – हमारे हृदय इन बाधाओं से मुक्त हों और तेरी आशा से परिपूर्ण होकर तेरी ओर बढ़ते रहें।
• प्रेम बुराई की हीनता पहचानता है पर गलतियों का लेखा-जोखा नहीं रखता – सत्य में आनन्द मनाने तथा दूसरों में तेरे वरदानों को देख कर हर्षित होने की हमें कृपा दे।
• तू यात्री कलीसिया को प्रेरितों से प्राप्त विश्वास में सुदृढ़ कर – हम अपने दानों का आदान-प्रदान कर एक दूसरे को प्रोत्साहित करें।
• तेरी शान्ति में सोये हुए उन लोगों को वह ज्ञान-धन प्रदान कर जो विश्वास की पूर्णता और भरोसे का आधार है – उन्हें अपने प्रेम की परिपूर्णता भी प्रदान कर।

हे हमारे पिता

समापन प्रार्थना

अगुआ : हे प्रभु, तेरी प्रजा की पुकार तेरे प्रेममय सिंहासन तक पहुँचे। तू अपने भक्तों के पाप क्षमा कर। तेरी कृपा पाकर वे तेरी सेवा में लीन रहें और तेरी शरण में आने को सुरक्षित पावें। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।


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Praise the Lord!