अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।
समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।
अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
जगत-पिता, जग ज्योति
बरसा, दे हम पर निज ज्योति
मधुबन के तेरे, बालक सारे; आये हैं और आते रहे हैं,
कर जोड़ के हम आये हैं, दे दे ज्योति॥
चंदा तारे देते ज्योति, सूरज भी देता निज ज्योति,
फिर भी अंधेरा है, दे दे ज्योति॥
अग्र. 1 : हम हमारे मुक्तिदाता के महिमामय आगमन के कृपादानों की आशामय प्रतीक्षा कर रहे हैं।
ईश्वर में ही मुझे शान्ति मिलती है;
वही मेरा उद्धार कर सकता है;
वही मेरी चट्टान है, मेरा उद्धार और मेरा गढ़;
मैं विचलित नहीं होऊँगा।
तुम सब मिल कर कब तक एक व्यक्ति पर आक्रमण करते रहोगे
और उसे ढहती दीवार या धँसते घेरे की तरह गिराना चाहोगे?
वे उसके पद से उसे हटाना चाहते हैं।
उन्हें झूठ बोलने में आनन्द आता है।
वे मुख से आशीर्वाद, किन्तु हृदय से अभिशाप देते हैं।
मेरी आत्मा! ईश्वर में ही शान्ति प्राप्त करो,
क्योंकि उसी से मुझे आशा है।
वही मेरी चट्टान है, मेरा उद्धार और मेरा गढ़ है;
मैं विचलित नहीं होऊँगा।
ईश्वर से ही सुरक्षा और सम्मान मिलता है;
वही मेरा बल और मेरा आश्रय है।
मेरी प्रजा! हर समय उसी पर भरोसा रखो।
उसी के सामने अपना हृदय खोलो, क्योंकि ईश्वर हमारा आश्रय है।
साधारण मनुष्य श्वास मात्र हैं और कुलीन लोग झूठे हैं।
यदि सब को तुला कर चढ़ाया जाये
तो वे श्वास से भी हल्के निकलेंगे।
अत्याचार पर भरोसा मत रखो
और लूट के माल पर गर्व मत करो।
यदि तुम्हारी धन-सम्पत्ति बढ़ती जाये,
तो उस में अपना हृदय आसक्त न होने दो।
ईश्वर ने एक बात कही, मैंने उसे दो बार सुना है
ईश्वर ही समर्थ है।
प्रभु! तू ही सत्यप्रतिज्ञ है।
तू ही हर एक को उसके कर्मों का फल देता है।
अग्र. : हम हमारे मुक्तिदाता के महिमामय आगमन के कृपादानों की आशामय प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अग्र. 2 : प्रभु हम पर दया-दृष्टि कर हमें आशीर्वाद प्रदान कर।
ईश्वर हम पर दया करे और हमें आशीर्वाद दे।
वह हम पर दयादृष्टि करे, जिससे पृथ्वी पर तेरे मार्ग का
और राष्ट्रों में तेरे मुक्ति-विधान का ज्ञान हो।
ईश्वर! राष्ट्र तुझे धन्यवाद दें।
सभी राष्ट्र मिल कर तुझे धन्यवाद दें।
सभी राष्ट्र उल्लसित हो कर आनन्द मनायें,
क्योंकि तू न्यायपूर्वक संसार का शासन करता
और पृथ्वी पर राष्ट्रों का पथप्रदर्शन करता है।
ईश्वर! राष्ट्र तुझे धन्यवाद दें।
सभी राष्ट्र मिल कर तुझे धन्यवाद दें।
पृथ्वी ने अपनी उपज प्रदान की।
ईश्वर हमें आशीर्वाद प्रदान करता रहे
और समस्त पृथ्वी उस पर श्रद्धा रखे।
अग्र. : प्रभु हम पर दया-दृष्टि कर हमें आशीर्वाद प्रदान कर।
अग्र. 3 : उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है और समस्त सृष्टि उन्हीं में टिकी हुई है।
हम पिता को धन्यवाद दें, जिसने हमें इस योग्य बनाया है
कि हम ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बनें।
ईश्वर हमें अन्धकार की अधीनता से निकाल कर
अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया।
उस पुत्र के द्वारा हमारा उद्धार हुआ है,
अर्थात् हमें पापों की क्षमा मिली है।
येसु मसीह अदृश्य ईश्वर के प्रतिरूप तथा समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं;
क्योंकि उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है।
सब कुछ - चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर,
चाहे दृश्य हो या अदृश्य, और स्वर्गदूतों की श्रेणियां भी
सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है।
वह समस्त सृष्टि के पहले से विद्यमान हैं
और समस्त सृष्टि उन में ही टिकी हुई है।
वही शरीर अर्थात् कलीसिया के शीर्ष हैं।
वही मूल कारण हैं और मृतकों में से प्रथम जी उठने वाले भी,
इसलिए वह सभी बातों में सर्वश्रेष्ठ हैं।
ईश्वर ने चाहा कि उन में सब प्रकार की परिपूर्णता हो।
मसीह ने क्रूस पर जो रक्त बहाया,
उसके द्वारा ईश्वर ने शान्ति की स्थापना की।
इस तरह ईश्वर ने उन्हीं के द्वारा सब कुछ का,
चाहे वह पृथ्वी पर हो या स्वर्ग में, अपने से मेल कराया।
अग्र. : उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है और समस्त सृष्टि उन्हीं में टिकी हुई है।
आप सब-के-सब नम्रतापूर्वक एक दूसरे की सेवा करें; क्योंकि ईश्वर घमण्डियों का विरोध करता, किन्तु विनम्र लोगों पर दया करता है। आप शक्तिशाली ईश्वर के सामने विनम्र बने रहें, जिससे वह आप को उपयुक्त समय में ऊपर उठाये। आप अपनी सारी चिन्ताएँ उस पर छोड़ दें, क्योंकि वह आपकी सुधि लेता है।
लघु अनुवाक्य:
अगुआ : अपनी आँख की पुतलि के समान हे प्रभु, हमारी रक्षा कर।
समूह : अपनी आँख की पुतलि के समान हे प्रभु, हमारी रक्षा कर।
• अपने पंखों की छत्र-छाया में हमें छिपा ले।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
मरियम गान अग्र. : हे प्रभु, अपना बाहुबल प्रदर्शित कर, घमण्डियों को तितर-बितर कर दे और दीनों को महान बना।
"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;
क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!
उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।
उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।
इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र : हे प्रभु, अपना बाहुबल प्रदर्शित कर, घमण्डियों को तितर-बितर कर दे और दीनों को महान बना।
अगुआ :दिन के अन्त में, हम पिता ईश्वर को धन्यवाद देते हैं, जिसने ख्रीस्त में समस्त संसार का मेल-मिलाप कराया है।
समूह : हे प्रभु ईश्वर, तेरी महिमा हो।
• हम सृष्टि की सुन्दरता के लिए तुझे धन्यवाद देते हैं – मानव का कोई काम-काज उस सौदर्य को न बिगाडे, किन्तु तेरे महिमार्थ इसे बढ़ा दे।
• हे पिता, हम उन सब उत्तम वस्तुओं के लिए तुझे धन्यवाद देते हैं, जिनका हम उपयोग करते हैं – उनका सदुपयोग करना तथा सदा कृतज्ञ बना रहना हमें सिखा।
• हम उन चीज़ों की खोज में लगे रहें, जो तुझे प्रसन्न करते हैं – तभी हम अपने सभी काम-काजों में तुझे पहचान सकेंगे।
• हे प्रभु! हम तेरे प्रतिज्ञात देश की ओर यात्रा कर रहे हैं। स्वर्गिक रोटी से हमें पोषित कर और संजीवन जल से हमारी प्यास मिटा दे।
• तेरे लिए सहस्रों वर्ष एक दिन के सदृश हैं – जो तुझ पर आशा रखते हुए चल बसे हैं; उन्हें अनन्त जीवन में पुनर्जीवित कर।
हे हमारे पिता
अगुआ : हे प्रभु इश्वर, तेरा नाम पावन है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी तेरी अनुकम्पा का बखान होता है। अपनी प्रजा की प्रार्थनाएँ स्वीकार कर, वह तेरी महानता का गुणगान युगानुयुग करती रहे। यह हमारा निवेदन है, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।