समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
मंगलगान
मंगलगान : पास्का-काल (1) -1
विस्फारित आँखों से उस क्षण रहा देखता अंबर विस्मित।
पवन रहा था उस पल स्तंभित धरा रही मुसकाती किंचित।
विस्मयकारी यह आभा क्यों? मर कर जी ख्रीस्त उठे॥
धन्य कुँवारी मरियम! तूने साथ येसु के क्या न सहा था।
तेरा भी तो क्रूस वही था जिस पर तेरा सुत टँगा था।
हर्ष मनाये अब सभी क्योंकि मर कर हैं जी ख्रीस्त उठे॥
पेत्रुस अब मत खोओ साहस प्रभु ने तुम को प्यार किया है।
जो भी तुमने बुरा किया था रक्त बहाकर साफ किया है।
अब आशा जगी चहुँ ओर क्योंकि मर कर हैं जी ख्रीस्त उठे॥
उन्हें न ढ़ूँढ़ो मृतकों में हम जो हैं जीवित महिमा-भूषित।
छिपे दृष्टि से रहते हैं वे बन बलि प्रसाद और पुरोहित।
किन्तु हमारे हैं साथ क्योंकि मर कर हैं जी ख्रीस्त उठे॥
विडंबना यह जो आप कभी नहीं दिखाते निज रूप सभी।
दिखला दे वह कांति अनोखी अपने उस महिमान्वित तन की।
हम भी हों प्रभु! कान्तिमय क्योंकि मर कर हैं जी आप उठे॥
मंगलगान : पास्का-काल (1) -2
आज उठे जी मर कर भी तुम! मृत्यु और जीवन के स्वामी!
धरती विस्मित! अंबर स्तंभित ख्रीस्त येसु! हो तुम अविनाशी।
दिवस हर्ष का है यह सुन्दर क्योंकि मरे जो हेतु हमारे।
सहकर दारुण संकट सारे आज उठे जी प्रभुवर प्यारे।
हर्षित मन हम गावें महिमा गौरवशाली उस राजा की॥
नरक पराजित हुआ आज है पाश पाप का अब रहा नहीं।
देख तुम्हारी विजय मृत्यु पर कायर शत्रु भाग पड़े सभी।
आशा मिली कि हम भी होंगे विजयी जैसे ख्रीस्त प्रतापी॥
धन्य पिता, पुत्र और आत्मा! शाश्वत ईश्वर! करुणा-विधान।
रचा प्रेमवश हेतु हमारे जिसने ऐसा सुन्दर विधान
कि मरे यदि हम साथ ख्रीस्त के तो महिमा भी पावें उसकी॥
मंगलगान : पास्का-काल (1) -3
तोड़ मृत्यु के बंधन सारे आज उठे जी ख्रीस्त हमारे,
जय उसकी सब दूत मनाते हम भी गायें गाने प्यारे,
जय प्रभु की जो आज उठे जी!
चले मेमना होकर भी वे युध्द पाप से करने निर्मम,
मारे तो वे गये, किन्तु हाँ छीना किसने उनका जीवन,
जय प्रभु की जो आज उठे जी!
सोचो तो तुम उन्हें क्रूस पर क्या-क्या सहना नहीं पड़ा था,
हाथ-पैर में कीलें निष्ठूर सिर पर निर्दय ताज जड़ा था,
जय प्रभु की जो आज उठे जी।
दो डाकू थे दायें-बायें यह भी अपमान झेलना था,
साथ न देगा कोई उनका उन्हें अकेले तो मरना था,
जय प्रभु की जो आज उठे जी।
अभी वही कहते हैं हम से “कह दो सब से बात नई,
क्षमा मिलेगी सब पापों की आओ! डरने की बात नहीं,
यौ प्रभु की जो आज उठे जी!
मंगलगान : पास्का-काल (1) -4
शक्ति नरक की कैसी थी वह जिसने इतना तुझे सताया
लोभ दिखाया, अपमान किया, देह बेध कर क्रूस चढ़ाया,
ले लिये प्राण उसने तेरे किन्तु उठा जी, प्रभु! तू मर कर॥
रक्त भरा तन तेरा था, प्रभु! कहता गाथा हृदय-विचारक,
कष्ट हुआ होगा कितना, प्रभु! सुन-सुन कर ललकार भयानक,
दुख पहुँचाना चाहा कैसे हर तरह तुझे अपमानित कर॥
आत्म-समर्पण जो था तेरा उसमें से लौटा कुछ न लिया,
दुख भोगा, अपमान सहे सब लेकिन दुख के पथ से न डिगा,
देदीप्यमान! हे तेज-पुंज! आराधित तू नित्य-निरन्तर॥
बिखर गई दुष्टों की सेना, चेष्टायें उनकी गई व्यर्थ,
अपमानित था किया गया जो था कोई क्या उससे सरर्थ,
गीत नये महिमा के गायें खुशी मनायें इस शुभ दिन पर॥
कार्य लिया था जो, प्रभु! तूने कष्ट भोग कर भी पूर्ण किया,
पूर्ण करें यदि हम सब भी जो तूने हमको है कार्य दिया,
निश्चित हम भी पायेंगे, प्रभु! महिमा स्वर्गिक अनुपम मर कर॥
मंगलगान : पास्का-काल (1) -5
जय जय्कार करो, हर्ष मनाओ।
हे पुत्र-पुत्रियों आओ, हम गीत खुशी के गायें,
स्वर्गिक हमारे राजा, मर कर जीवित हुये आज।
था पुनरुत्थान सबेरा, कुछ भक्त नारियाँ आयीं,
प्रभु की समाधि थी खाली, वे चकित हुई घबरायीं।
उजले वस्त्रों में शोभित था दूत वहाँ अति सुन्दर,
प्रभु गये गलील नगर को, कह दो शिष्यों से जाकर।
उस रात शिष्यगण भय से, थे छिपे हुये घबराये,
प्रभु हुयॆ उपस्थित बोले – मम शान्ति तुम्हें मिल जाये।
अग्र. 1 : प्रभु ने मृत्यु के पंजे से मेरे प्राण बचा लिए हैं; अल्लेलूया।
स्त्रोत्र 114 धन्यवाद-ज्ञापन।
मैं प्रभु को प्यार करता हूँ;
क्योंकि वह मेरी पुकार सुनता है।
जिस दिन मैंने उसकी दुहाई दी, उसने मेरी सुनी।
मैं मृत्यु के बन्धनों से जकड़ा
और अधोलोक के फन्दों में फँसा हुआ था।
मैं संकट और शोक से घिरा हुआ था।
तब मैंने प्रभु का नाम ले कर पुकारा: "प्रभु! मेरे प्राणों की रक्षा कर!"
प्रभु न्यायप्रिय और दयालु है;
हमारा ईश्वर करुणामय है।
प्रभु निष्कपट लोगों की रक्षा करता है।
मैं निस्सहाय हो गया था और उसने मेरा उद्धार किया।
मेरी आत्मा! तू फिर शान्त हो जा,
क्योंकि प्रभु ने तेरा उपकार किया है। उसने मुझे मृत्यु से छुड़ाया।
उसने मेरे आँसू पोंछ डाले और मेरे पैरों को फिसलने नहीं दिया,
जिससे मैं जीवितों के देश में प्रभु के सामने चलता रहूँ।
अग्र. : प्रभु ने मृत्यु के पंजे से मेरे प्राण बचा लिए हैं; अल्लेलूया।
अग्र. 2 : अपनी आँख की पुतली की तरह प्रभु ने अपनी प्रजा की रक्षा की है; अल्लेलूया।
स्तोत्र 120 प्रजा का रक्षक।
मैं अपनी आँखें पर्वतों की ओर उठता हूँ।
क्या वहाँ से मुझे सहायता मिलेगी?
जिसने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है,
वही प्रभु मेरी सहायता करता है।
वह तुम्हारा पैर फिसलने न दे, तुम्हारा रक्षक न सोये।
नहीं, इस्राएल का रक्षक न तो सोता है और न झपकी लेता है।
प्रभु ही तुम्हारा रक्षक है।
वह छाया की तरह तुम्हारे दाहिने रहता है।
न तो दिन में सूर्य से तुम्हारी कोई हानि होगी
और न रात में चन्द्रमा से।
प्रभु तुम्हें हर बुराई से बचायेगा,
वह तुम्हारी आत्मा की रक्षा करेगा।
तुम जहाँ कहीं भी जाओगे, प्रभु तुम्हारी रक्षा करेगा,
अभी और अनन्त काल तक।
अग्र. : अपनी आँख की पुतली की तरह प्रभु ने अपनी प्रजा की रक्षा की है; अल्लेलूया।
अग्र. 3 : प्रभु मेरे जान की ढ़ाल है, वही मेरे गान का ताल है; अल्लेलूया।
भजन स्तुति : प्रकाशना 15:3-4
सर्वशक्तिमान् प्रभु-ईश्वर! तेरे कार्य महान् और अपूर्व हैं।
राष्ष्ट्रों के राजा! तेरे मार्ग न्यायसंगत और सच्चे हैं।
प्रभु! कौन तुझ पर श्रद्धा
और तेरे नाम की स्तुति नहीं करेगा?
क्योंकि तू ही पवित्र है।
सभी राष्ष्ट्र आ कर तेरी आराधना करेंगे,
क्योंकि तेरे न्यायसंगत निर्णय प्रकट हो गये हैं।
अग्र. : प्रभु मेरे जान की ढ़ाल है, वही मेरे गान का ताल है; अल्लेलूया।
धर्मग्रन्थ-पाठ : इब्रानियों 5:8-10
ईश्वर का पुत्र होने पर भी उन्होंने दुःख सह कर आज्ञापालन सीखा। वह पूर्ण रूप से सिद्ध बन कर और ईश्वर से मेलखि़सेदेक की तरह प्रधानयाजक की उपाधि प्राप्त कर उन सबों के लिए मुक्ति के स्रोत बन गये, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं।
लघु अनुवाक्य अगुआ : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया। समूह : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• उन्होंने प्रभु को देखा।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
मरियम गान
अग्र. : तुम्हारा स्वर्गिक पिता उन लोगों को पवित्र आत्मा प्रदान करेगा, जो उससे माँगते हैं; अल्लेलूया।
"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;
क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!
उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।
उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।
इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र. : तुम्हारा स्वर्गिक पिता उन लोगों को पवित्र आत्मा प्रदान करेगा, जो उससे माँगते हैं; अल्लेलूया।
सामूहिक निवेदन
अगुआ :जीवन के स्रोत और अदगुणों के उदगम, प्रभु येसु से हम निवेदन करें। समूह : हे प्रभु, इस संसार में तू अपना राज्य कायम कर।
• हे प्रभु येसु, तेरा शरीर मरणाधीन हो गया किन्तु आत्मा में तू पुनर्जीवित हुआ – हम भी पाप के प्रति मर जायें और तेरे पुनरुत्थान के सामर्थ्य से नया जीवन जी सकें।
• तूने अपने प्रेरितों को दुनिया के कोने-कोने में मुक्ति का शुभ सन्देश सुनाने भेजा – जो लोग तेरे वचन का प्रचार करते हैं, वे पवित्र आत्मा में सजग रहें।
• तू स्वर्ग और पृथ्वी पर सत्य-साक्ष्य में सारा अधिकार प्राप्त किया – जो लोग प्रशासन के कर्णधार हैं, उनकी प्रशासनिक योजनाएँ सत्य और न्याय पर आधारित रहें।
• हमारी आँखें नये स्वर्ग और नयी पथ्वी पर लगी रहें – इस दुनिया के कल्याण और उसके उज्ज्वल भविष्य के प्रति हमें सतर्क बना।
• तू अपनी मृत्यु के बाद अधोलिक में उतरा और वहाँ बन्दी बने धर्मात्माओं को तूने उनकी मुक्ति की खुशखबरी सुनायी – मृत-विश्वासीगण तेरे महिमामय राज्य में तेरे पास पहुँचें। तू ही उनके आनन्द, आशा और विजय का स्रोत है।
हे हमारे पिता ....
समापन प्रार्थना
अगुआ :हे ईश्वर, हमारी प्रार्थना सुन ले। अपने सत्य के साक्षी प्रभु येसु के पूर्व-घोषणानुसार समस्त मानव-जाति के लिए पवित्र आत्मा को भेज दे। वही आत्मा हमें तेरे पुत्र-पुत्रियाँ बनाता है। इस प्रकार तू अपना शब्द द्वारा सुसमाचार में प्रतिज्ञात पवित्रता की पूर्णता में हमें पहुँचा दे। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।
अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।