अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।
समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।
अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।
अग्र. 1 : आप सियोन पर्वत, जीवन्त ईश्वर के नगर के पास पहुँचे हैं; अल्लेलूया।
ईश्वर! मुझे न्याय दिला, इस विधर्मी पीढ़ी के विरुद्ध मेरा पक्ष ले।
ईश्वर! कपटी और कुटिल लोगों से मुझे बचाये रखने की कृपा कर।
ईश्वर! तू ही मेरा आश्रय है। तूने मुझे क्यों त्याग दिया?
शुत्र के अत्याचार से दुःखी हो कर मुझे क्यों भटकना पड़ता है?
अपनी ज्योति और अपना सत्य भेज।
वे मुझे मार्ग दिखा कर तेरे पवित्र पर्वत तक,
मेरे निवासस्थान तक पहुँचा देंगे।
मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा,
ईश्वर के पास, जो मेरा आनन्द और उल्लास है।
मैं वीणा बजाते हुए अपने प्रभु-ईश्वर की स्तुति करूँगा।
मेरी आत्मा! उदास क्यों हो? क्यों आह भरती हो?
ईश्वर पर भरोसा रखो। मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा।
वह मेरा मुक्तिदाता और मेरा ईश्वर है।
अग्र. :आप सियोन पर्वत, जीवन्त ईश्वर के नगर के पास पहुँचे हैं; अल्लेलूया।
अग्र. 2 : हे प्रभु, तूने मेरी आत्मा को विनाश से बचाया है; अल्लेलूया।
मैंने कहा, “अपने जीवन के मध्य काल में मुझे जाना पड़ रहा है।
मुझे अपने जीवन के शेष वर्ष
अधोलोक के फाटक पर बिताने होंगे।“
मैंने कहा, “मैं जीवितों के देश में प्रभु को फिर कभी नहीं दूखूँगा।
पृथ्वी के निवासियों में से
मैं किसी को फिर कभी नहीं देखूँगा।
चरवाहे के तम्बू की तरह मेरा जीवन उखाड़ा और मुझ से ले लिया गया है।
तूने मेरा जीवन इस प्रकार समेट लिया है,
जिस प्रकार जुलाहा करघे पर से तागे काट देता है।
सुबह से शाम तक तू मुझे तड़पाता है। मैं रात भर पुकारता रहता हूँ।
उसने सिंह की तरह मेरी सब हड्डियों को रौंदा है।
सुबह से श्याम तक तू मुझे तड़पाता है।
मैं अबाबील की तरह चींचीं करता हूँ, कपोत की तरह कराहता हूँ।
मेरी आँखें ऊपर देखते-देखते धुँधला रही हैं।
तूने मेरी आत्मा को विनाश के गर्त में गिरने से बचाया,
तूने मेरे सब पापों को अपनी पीछे फेंक दिया।
अधोलोक तेरा गुणगान नहीं करता, मृत्यु तेरी स्तुति नहीं करती।
जो गर्त में उतरे हैं, उन्हें तेरी सत्यप्रतिज्ञता का भरोसा नहीं।
जीवित मनुष्य ही तेरी स्तुति करता है, जैसा कि मैं आज कर रहा हूँ।
पिता अपने पुत्रों को तेरी सत्यप्रतिज्ञता का ज्ञान करायेगा।
प्रभु! तूने मेरा उद्धार किया।
इसलिए हम जीवन भर प्रभु के मन्दिर में
वीणा बजाते हुए तेरी स्तुति करेंगे।
अग्र. : हे प्रभु, तूने मेरी आत्मा को विनाश से बचाया है; अल्लेलूया।
अग्र. 3 : तू पृथ्वी की सुधि लेता है; तू उसे सीचता है; अल्लेलूया।
ईश्वर! सियोन में तेरा स्तुतिगान करना हमारे लिए उचित है।
हम तेरे लिए अपनी मन्नतें पूरी करते हैं।
सब मनुष्य तेरे पास आते हैं, क्योंकि तू प्रार्थनाएँ सुनता है।
हमारा अधर्म हम पर हावी हो गया,
किन्तु तू हमारा पाप क्षमा करता है।
धन्य है वह, जिसे तू चुनता
और अपने मंदिर में निवास करने देता है।
हम तेरे घर के वैभव से,
तेरे मंदिर की पवित्रता से समृद्ध होंगे।
अपने न्याय के अनुरूप तू अपने चमत्कारों द्वारा
हमारी प्रार्थना का उत्तर देता है।
तू हमारा उद्धारक ईश्वर है,
समस्त पृथ्वी और सुदूर द्वीपों की आशा।
वह अपने सामर्थ्य से पर्वतों को स्थापित करता है।
वह पराक्रम से विभूशित है।
वह समुद्र का गर्जन, उसकी लहरों का कोलाहल
और राष्ट्रों का उपद्रव शान्त करता है।
पृथ्वी के सीमान्तों के निवासी
तेरे चमत्कार देख कर आश्चर्यचकित हैं।
पूर्व और पश्चिम के प्रदेश तेरे कारण
उल्लसित हो कर आनन्द मनाते हैं।
तूने पृथ्वी की सुधि ली, उसे सींचा
और उपज से भर दिया।
तू मनुष्य के अन्न का प्रबन्ध करता है।
तू भूमि को इस प्रकार तैयार करता है।
तू जोती हुई भूमि सींचता है,
उसे बराबर करता, पानी बरसा कर नरम बनाता
और उसके अंकुरों को आशिष देता है।
तू वर्ष भर वरदान देता रहता है,
तेरे मार्गों के आसपास की भूमि अच्छी फसल से भरी हुई है।
मरुभूमि के चरागाह हरे-भरे हैं। पहाड़ियों में आनन्द के गीत गूँजते हैं।
चरागाह पशुओं से भरे हुए हैं।
घाटियाँ अनाज की फसल से ढक जाती हैं।
सर्वत्र आनन्द तथा उल्लास के गीत सुनाई पड़ते हैं।
अग्र. : तू पृथ्वी की सुधि लेता है; तू उसे सीचता है; अल्लेलूया।
प्रभु वह जीवन्त पत्थर हैं, जिसे मनुष्यों ने तो बेकार समझ कर निकाल दिया, किन्तु जो ईश्वर द्वारा चुना हुआ और उसकी दृष्टि में मूल्यवान है। आप उनके पास आयें और जीवन्त पत्थरों का आध्यात्मिक भवन बनें। इस प्रकार आप पवित्र याजक-वर्ग बन कर ऐसे आध्यात्मिक बलिदान चढ़ा सकेंगे, जो ईसा मसीह द्वारा ईश्वर को ग्राह्य होंगे।
लघु अनुवाक्य
अगुआ : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• उन्होंने प्रभु को देखा।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
अगुआ :आइये, हम ख्रीस्त येसु से निवेदन करें। वह अपने पुनरुत्थान द्वारा अपनी प्रजा की प्रत्याशा सुदृढ़ कर देते हैं।
समूह : सदा जीवित प्रभु येसु, हमारा निवेदन सुन।
• हे प्रभु येसु, तेरे छिदे हृदय से रक्त और जल बह निकले। तु अपनी दुलहन कलीसिया को हर प्रकार के कलंक से बचाये रख।
• हे प्रभु येसु, भला चरवाहा, मृतकों में से जीवित। तूने अपने रेवड़ की देखभाल का भार पेत्रुस को सौंप दिया था – हमारे संत पिता ..... को सेवा-भाव और उत्साह से सबल बना।
• गलीलिया के समुद्र तट पर से तूने अपने शिष्यों को दिये इशारे पर उन्होंने जाल-भर की मछलियाँ फँसा लीं – आज तू अपने अनुययियों को ऐसा दिशा-दर्शन दे जिससे कि वे अपने सभी काम-काज में तेरा आशीर्वाद पावें।
• गलीलिया के समुद्र-तट पर तूने अपने शिष्यों के लिए भोजन तैयार किया था – ज़रूरतमंद भाई-बहनों की सेवा करने में हम तेरा आनन्द पावें।
• हे प्रभु येसु, अन्तिम आदम, जीवनदायी आत्मा – मृतकों को अपना स्वरूप प्रदान कर उनका आनन्द परिपूर्ण कर।
हे हमारे पिता ....
अगुआ :हे प्रभु, हमारे ईश्वर, ख्रीस्त के पुनरुत्थान में तू अनन्त जीवन के लिए हमारा नवनिर्माण करता है। अपनी प्रजा को विश्वास में दृढ़ता और आशा में स्थिरता प्रदान कर। हमें संदेह नहीं कि तू हमारे विषय में अपनी प्रतिज्ञा अवश्य पूरी करेगा। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।
अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : ईश्वर को धन्यवाद, अल्लेलूया, अल्लेलूया।