संत अगाथा के बारे में बहुत कम अधिकारिक जानकारी प्राप्त है। हमें इतना ही मालूम है कि उनका जन्म सिसली में हुआ था और सम्राट देसियुस के शासनकाल में सन् 251 में शहीद हुयी थी। प्रचलित परंपराओं के अनुसार अगाथा का जन्म एक धनी परिवार में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने अपने जीवन को ईश्वर के लिये समर्पित किया था। वह एक बहुत सुन्दर महिला थी। क्यूंतियन नामक एक अधिकारी उनकी सुन्दरता के प्रति आकर्षित होकर उसने अगाथा के साथ शारिरीक संबंध बनाने की कोशिश की। इसका विरोध करने पर उसे प्रताडित किया गया। उस अधिकारी ने उसे वेश्यालय में भेजने की प्रयत्न किया। लेकिन अगाथा ने अपनी पवित्रता को बनाये रखने के लिये हर संभव कोशिश की। इस पर अगाथा को घोर शारिरीक यंत्रणा दी गयी। उनके स्तनों को क्रूरतापूर्वक कुचलकर काट डाला गया। तत्पश्चात उनको बंदीगृह में डाल दिया गया। माना जाता है कि संत पेत्रुस ने उन्हें दर्शन देकर चंगाई प्रदान की। इसके बाद भी उनके विरूद्ध अत्याचार जारी रहे। इन अत्याचारों को सहते सहते वे शहीद हो गयी। संत अगाथा का नाम पूरातन यूखारिस्तीय प्रार्थना में पुकारा जाता है। संत अगाथा उपचारकों तथा स्तन की बीमारी से पीड़ित रोगियों की संरक्षिका संत माना जाती है।