संत पापा फ्रांसिस ने 10 मई 2021 को “अन्तिक्यूम मिनिस्तेरियुम” (Antiquum ministerium) नामक प्रेरितिक पत्र लिख कर धर्मप्रचारक की धर्मसेवा (ministry of catechist) की स्थापना की। 11 मई को आविला के संत योहन के त्योहार अवसर पर इस पत्र को वतिकान द्वारा आठ भाषाओं में प्रकाशित किया गया। संत पापा इस प्रेरितिक पत्र के द्वारा कलीसिया में लोकधर्मियों के योगदानों को बढ़ावा देते हैं। द्वितीय वतिकान महासभा में लोकधर्मियों की भूमिका पर काफी विचार-विमर्श हुआ था। सन 1979 में लोकधर्मियों की भूमिका को बढ़ावा देने हेतु संत पापा पौलुस छठवें ने धर्माध्यक्षों की समितियों को अपने क्षेत्र में धर्मप्रचारकों की धर्मसेवा की स्थापना करने को प्रेरित किया।
झाबुआ केथलिक धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष माननीय डॉ. बासील भूरिया का 6 अप्रैल 2021 को इन्दौर के संत फ्रांसिस अस्पताल में दोपहर 1 बजे निधन हुआ। बिशप बासील को अप्रैल 5 को अस्पताल में भर्ती किया गया था। वे कोविद 19 से पीड़ित थे। अप्रैल 6 को दोपहर को दिल का दौरा पडने से उनकी मृत्यु हुई।
कोलकोत्ता की धन्य तेरेसा को सितंबर माह की 4 तारीख को संत पिता फ्रांसिस संत घोषित करेंगे। 5 सितंबर 1997 को मदर तेरेसा का निधन हुआ था। उस समय वे 87 वर्ष की थीं। दुनिया के बहुत से लोग मदर तेरेसा को उनके जीवन काल में ही संत मानते थे। 13 सितंबर को पूरे धार्मिक तथा राष्ट्रीय सम्मान के साथ दुनिया के जाने-माने
संत पापा फ़्रांसिस ने कार्डिनल रोबर्ट सारह, जो दिव्य पूजन-विधि तथा संस्कारों के रोमी प्रशासनिक विभाग के अनुशासक (Prefect of the Congregation for Divine Worship and the Discipline of the Sacraments) है, को 20 दिसंबर को एक पत्र लिखा।
प्रभु येसु ख्रीस्त,
आपने हमें स्वर्गिक पिता के समान दयालु बनना सिखाया है,
और कहा कि जिसने आपको देखा उसने पिता को भी देखा है।
वर्ष 2015 का विश्व मिशन इतवार समर्पित जीवन के वर्ष के परिपेक्ष में पड़ता है जो हमें प्रार्थना एवं चिंतन करने का एक और अवसर प्रदान करता है। यदि हरेक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति उपहार के रूप में प्राप्त किये गये अपने विश्वास की घोषण कर प्रभु का साक्ष्य देने के लिए बुलाया गया है,
अप्रैल 12, 2015 ईश्वरीय करुणा के इतवार पर संत पापा फ्रांसिस ने वतिकान के महागिर्जाघर में पवित्र मिस्सा बलिदान के दौरान यह प्रवचन दिया था।
प्रिय भाईयों एवं बहनों, सुप्रभात! हम परिवार पर अपनी धर्मशिक्षा को जारी रखेंगे। आज हम स्वयं को ’पिता’ शब्द द्वारा मार्गदर्शित होने देंगे। यह एक ऐसा शब्द है जो हम ख्रीस्तीयों को किसी अन्य शब्द से अधिक प्रिय है क्योंकि यह वह नाम है जिसके द्वारा येसु ने हमें ईश्वर को पिता कहकर बुलाना सिखाया है।
प्यारे भाइयों और बहनों, आज मैं आप के साथ परिवार में एक पिता की भूमिका पर मनन-चिंतन करना चाहता हूँ। पिछली बार मैंने ’अनुपस्थित पिता’ के खतरे के बारे में मेरे विचार व्यक्त किये थे। परन्तु आज मैं इसके सकारात्मक पहलू पर प्रकाश डालना चाहता हूँ। जब मरियम गर्भवती पायी गयी तो संत यूसुफ को भी मरियम को छोडने का प्रलोभन हुआ था।
जनवरी 30, 2015 को वतिकान ने फरवरी माह के लिए संत पापा फ्रांसिस के प्रार्थना-उद्देश्यों को प्रकाशित किया। फरवरी माह के लिए संत पापा का प्रार्थना-उद्देश्य यह है कि कैदी, विशेषत: युवक, अपने जीवन का पुन: निर्माण गरिमा के साथ कर सकें।
प्रिय भाईयों एवं बहनों,
चालीसा-काल समस्त कलीसिया, हरेक समुदाय एवं विश्वासी के नवीनीकरण का काल है। सबसे बढ़कर यह ’’अनुग्रह का काल है’’ (2 कुरि. 6:2) ईश्वर हम से ऐसा कुछ भी नहीं चाहता जो उन्होंनें हमें पहले दिया न हो। ’’हम प्रेम करते हैं क्योंकि उन्होंनें हमें पहले प्रेम किया है’’ (1 योहन 4:19)। वे हमसे दूर नहीं है। उनके हृदय में हम प्रत्येक जन के लिये स्थान है। वे हमें हमारे नामों से जानते है, वे हमारा ख्याल रखते हैं और जब कभी भी हम उनसे विमुख हो जाते हैं तो वे हमें खोजते है।
नवंबर 2014 में परमधर्मपीठ (Holy See) ने बेघर लोगों को नहाने धोने की सुविधा वतिकान के संत पेत्रुस के महागिरजाघर के पास में ही प्रदान की थी। 16 फरवरी से बेघर लोगों को क्षौर-मन्दिरों (barber shop) की भी सुविधा उपलब्ध होगी।
7 जुलाई 2013 को सन्त पापा फ़्रांसिस ने पौलुस छ्ठवें दर्शन कक्ष में दुनिया के 66 देशों से आए हुए करीब 6000 पुरोहिती तथा धर्मसंघी प्रशिक्षणार्थियों से मुलाकात की।