सब खड़े हो जाते हैं| विश्वासीगण एकत्र होकर प्रवेश भजन गाते हुए, अपनी एकता दर्शाते व प्रभु मसीह के प्रतिनिधि, पुरोहित का स्वागत करते हैं। पुरोहित और सेवक वेदी के पास जाते हैं। पुरोहित आसन के पास पहुँचते हैं।
भजन बंद होने पर:
पुरोहित: पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर।
सब: आमेन।
पुरोहित: हमारे प्रभु येसु खीस्त की कृपा, ईश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा का साहचर्य आप सबको प्राप्त हो।
अथवा - हमारे पिता ईश्वर और प्रभु येसु खीस्त की कृपा और शांति आप लोगों के साथ हो।
अथवा - प्रभु आप लोगों के साथ हो।
अथवा - धर्माध्यक्ष : प्रभु की शांति आप लोगों के साथ हो।
सब:और आपकी आत्मा के साथ।
पुरोहित: भाइयो और बहनो, हम अपने पापों को स्वीकार करें, ताकि हम यह पवित्र बलि चढ़ाने के योग्य बन जाएँ।
(कुछ क्षण मौन धारण के बाद सब लोग एक साथ पाप स्वीकार का सामान्य प्रारूप बोलते हैं :)
सब: हे भाइयो-बहनो, मैं सर्वशक्तिमान् ईश्वर और आप लोगों के सामने स्वीकार करता हूँ कि मैंने मन, वचन और कर्म से तथा अपना कर्त्तव्य पूरा न करने से (सब लोग अपनी छाती पीटते हुए बोलते हैं )अपने कसूर से, अपने कसूर से, अपने भारी कसूर से घोर पाप किया है। इसलिए, मैं नित्य कुँवारी धन्य मरियम से, सब स्वर्गदूतों, संतों और आप लोगों से, हे भाइयो-बहनो, विनती करता हूँ कि आप लोग मेरे लिए प्रभु ईश्वर से प्रार्थना करें।
पुरोहित: सर्वशक्तिमान् ईश्वर हम लोगों पर दया करे और हमारे पाप क्षमा कर हमें अनंत जीवन प्रदान करे।
सब: आमेन।
पुरोहित: हे प्रभु दया कर।
सब: हे प्रभु दया कर।
पुरोहित: हे ख्रीस्त दया कर।
सब: हे ख्रीस्त दया कर।
पुरोहित: हे प्रभु दया कर।
सब: हे प्रभु दया कर।
पुरोहित: भाइयो और बहनो, हम अपने पापों को स्वीकार करें, ताकि हम यह पवित्र बलि चढ़ाने के योग्य बन जाएँ।
(कुछ क्षण मौन धारण के बाद पुरोहित बोलते हैं :)
पुरोहित: हे प्रभु, हम पर दया कर।
सब: हमने तेरे विरुद्ध पाप किया है।
पुरोहित: हे प्रभु, हम पर अपनी दया प्रदर्शित कर।
सब: और हमें अपनी मुक्ति प्रदान कर।
पुरोहित: सर्वशक्तिमान् ईश्वर हम लोगों पर दया करे और हमारे पाप क्षमा कर हमें अनंत जीवन प्रदान करे।
सब: आमेन।
पुरोहित: भाइयो और बहनो, हम अपने पापों को स्वीकार करें, ताकि हम यह पवित्र बलि चढ़ाने के योग्य बन जाएँ।
(कुछ क्षण मौन धारण के बाद पुरोहित बोलते हैं :)
पुरोहित: तू पश्चात्ताप करनेवालों को क्षमा प्रदान करने आया है; हे प्रभु, दया कर।
सब: हे प्रभु, दया कर।
पुरोहित: तू पापियों को बुलाने आया है; हे खीस्त, दया कर।
सब: हे खीस्त, दया कर।
पुरोहित: तू पिता के दाहिने विराजमान होकर हमारे लिए प्रार्थना करता है; हे प्रभु, दया कर।
सब: हे प्रभु, दया कर।
पुरोहित: सर्वशक्तिमान् ईश्वर हमलोगों पर दया करे और हमारे पाप क्षमा कर हमें अनंत जीवन प्रदान करे।
सब: आमेन।
(यदि पश्चात्ताप-विधि का प्रारूप नहीं बोला गया हो, तो निम्नवत् आमंत्रण बोला जाता है।)
पुरोहित: हे प्रभु दया कर।
सब: हे प्रभु दया कर।
पुरोहित: हे ख्रीस्त दया कर।
सब: हे ख्रीस्त दया कर।
पुरोहित: हे प्रभु दया कर।
सब: हे प्रभु दया कर।
पुरोहित: सर्वोच्च स्वर्ग में ईश्वर की महिमा
सब: और पृथ्वी पर उसके कृपापात्रों को शांति !
हे प्रभु ईश्वर, स्वर्ग के राजा,
सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर !
हम तेरी प्रशंसा करते हैं,
हम तुझे धन्य कहते हैं,
हम तेरी आराधना करते हैं,
हम तेरी महिमा गाते हैं,
हम तेरी अपार महिमा के कारण तेरा गुणगान करते हैं।
हे प्रभु येसु खीस्त, इकलौते पुत्र !
हे प्रभु ईश्वर ! ईश्वर के मेमने, पिता के पुत्र !
तू संसार के पाप हर लेता है - हम पर दया कर;
तू संसार के पाप हर लेता है - हमारा निवेदन स्वीकार कर;
तू पिता के दाहिने विराजमान है - हम पर दया कर।
क्योंकि तू ही पवित्र है, तू ही प्रभु है,
तू ही, हे येसु खीस्त, पवित्र आत्मा के संग
पिता ईश्वर की महिमा में सर्वोच्च है।
आमेन।
पुरोहित: हम प्रार्थना करें.........।
(अंत में सब लोग कहते हैं :)
सब: आमेन।
(सब बैठ जाते हैं)
पाठक: (अन्त में कहता है) प्रभु की वाणी।)
सब: ईश्वर को धन्यवाद।
(कभी-कभी दूसरा पाठ भी सुनाया जाता है और इसके बाद अल्लेलूया-गान होता है।)
(सब खड़े हो जाते हैं)
पुरोहित: प्रभु आप लोगों के साथ हो।
सब: और आपकी आत्मा के साथ।
पुरोहित: सन्त ........ के अनुसार पवित्र सुसमाचार।
सब:हे प्रभु, तेरी महिमा हो !
(सब लोग माथे, होठों और छाती पर क्रूस का चिह्न बनाते हैं।)
पुरोहित: (सुसमाचार पाठ के अन्त में कहते हैं) प्रभु का सुसमाचार।
सब:हे खीस्त, तेरी स्तुति हो !
(उपदेश के बाद प्रस्तावित दिनों में नीसिया-कान्स्टैंटिनोपल धर्मसार बोला जाता है। सब खड़े हो जाते हैं)
पुरोहित: मैं सर्वशक्तिमान् पिता
सब: स्वर्ग और पृथ्वी, सब दृश्य और अदृश्य वस्तुओं के सृष्टिकर्त्ता - एक ही ईश्वर में विश्वास करता हूँ। मैं ईश्वर के इकलौते पुत्र, एक ही प्रभु येसु खीस्त में विश्वास करता हूँ, जो सभी युगों के पहले पिता से उत्पन्न है। वह ईश्वर से उत्पन्न ईश्वर, प्रकाश से उत्पन्न प्रकाश, सच्चे ईश्वर से उत्पन्न सच्चा ईश्वर है, वह बनाया हुआ नहीं, बल्कि उत्पन्न हुआ है, वह पिता के साथ एकतत्त्व है; उसी के द्वारा सब कुछ सृष्ट हुआ। वह हम मनुष्यों के लिए और हमारी मुक्ति के लिए स्वर्ग से उतरा (“और पवित्र आत्मा के द्वारा ... मनुष्य बना' शब्दों तक एवं अंतर्विष्ट सब लोग नतमस्तक होते हैं।) और पवित्र आत्मा के द्वारा कुँवारी मरियम से देह धारणकर मनुष्य बना। उसने पोंतुस पिलातुस के समय दुःख भोगा, वह हमारे लिए क्रूस पर ठोंका गया, वह मर गया और दफ़नाया गया और धर्मग्रंथ के अनुसार तीसरे दिन फिर से जी उठा। वह स्वर्ग में आरोहित हुआ और पिता के दाहिने विराजमान है। वह जीवितों और मृतकों का न्याय करने महिमा के साथ फिर आएगा और उसके राज्य का कभी अंत नहीं होगा। मैं पवित्र आत्मा में विश्वास करता हूँ। वह प्रभु और जीवनदाता है, वह पिता और पुत्र से प्रसृत होता है, पिता और पुत्र के साथ उसकी आराधना और महिमा होती है, वह नबियों के मुख से बोला है। मैं एक, पवित्र, काथलिक तथा प्रेरितिक कलीसिया में विश्वास करता हूँ। मैं पापों की क्षमा के लिए एक ही बपतिस्मा स्वीकार करता हूँ और मृतकों के पुनरुत्थान तथा अनंत जीवन की बाट जोहता हूँ। आमेन।
(चालीसा एवं पास्का काल में प्रेरितिक धर्मसार बोला जाता है।)
पुरोहित: मैं स्वर्ग और पृथ्वी के सृष्टिकर्त्ता
सब:... सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर, और उसके इकलौते पुत्र, अपने प्रभु येसु खीस्त में विश्वास करता हूँ, (“जो पवित्र आत्मा के द्वारा ... से जन्मा' शब्दों तक एवं अंतर्विष्ट सब लोग नतमस्तक होते हैं।) जो पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भ में आया कुँवारी मरियम से जन्मा, पोंतुस पिलातुस के समय दुःख भोगा, क्रूस पर चढ़ाया गया, मर गया और दफ़नाया गया; वह अधोलोक में उतरा, और तीसरे दिन मृतकों में से फिर जी उठा; वह स्वर्ग में आरोहित हुआ और सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर के दाहिने विराजमान है; वहाँ से वह:जीवितों और मृतकों का न्याय करने आएगा। मैं पवित्र आत्मा, पवित्र काथलिक कलीसिया, धर्मियों की सहभागिता, पापों की क्षमा, देह के पुनरुत्थान और अनंत जीवन में विश्वास करता हूँ। आमेन।
(हर निवेदन के बाद)
सब: हे पिता, हमारी प्रार्थना सुन।
(या कोई अन्य उत्तर)
(अर्पण-गीत के समय कुछ लोग पुरोहित के पास चढ़ावे के दान ले जाते हैं। पुरोहित वेदी के पास खड़े होकर थालिका में रोटी लेकर उसे दोनों हाथों से वेदी के थोड़ा-सा ऊपर उठाकर धीमे स्वर में बोलते हैं :)
पुरोहित: धन्य है तू, सकल सृष्टि के प्रभु ईश्वर ! यह रोटी, जिसे हम तुझे चढ़ाते हैं, हमें तेरी उदारता से मिली है। यह पृथ्वी की उपज है और मनुष्य के परिश्रम का फल, यह हमारे लिए जीवन की रोटी बन जाएगी।
सब: धन्य हो ईश्वर, अनंत काल तक !
(पुरोहित कटोरे में दाखरस और थोड़ा-सा जल उँडेलते हुए धीमे स्वर में बोलते हैं)
पुरोहित: इस जल तथा दाखरस के रहस्य द्वारा हम ख्रीस्त के ईश्वरत्व के भागी बन जाएँ, जो हमारे लिए दीन मनुष्य बन गये।
(पुरोहित दोनों हाथों से कटोरे को वेदी के थोड़ा-सा ऊपर उठाकर धीमे स्वर में बोलते हैं :)
पुरोहित: धन्य है तू, सकल सृष्टि के प्रभु ईश्वर ! यह दाखरस, जिसे हम तुझे चढ़ाते हैं, हमें तेरी उदारता से मिला है। यह दाखलता की उपज है और मनुष्य के परिश्रम का फल, यह हमारे लिए आध्यात्मिक पेय बन जाएगा।
सब: धन्य हो ईश्वर, अनंत काल तक !
(पुरोहित प्रणत होकर धीमे स्वर में बोलते हैं :)
पुरोहित: हे प्रभु, हम अपने को दीन-हीन समझते और हृदय से पश्चात्ताप करते हैं, हम पर दया कर। हे प्रभु ईश्वर, तू आज हमारा यह बलिदान ग्रहण कर।
(पुरोहित वेदी की बग़ल में खड़े होकर धीमे स्वर में यह बोलते हुए अपने हाथों को धोते हैं :)
पुरोहित: हे प्रभु, मेरा अपराध धो डाल और मुझ पापी को शुद्ध कर दे।
(पुरोहित वेदी के बीचोबीच खड़े होकर लोगों की ओर मुड़कर हाथों को फैलाते हैं; फिर करबद्ध होकर बोलते हैं:)
पुरोहित: भाइयो और बहनो, प्रार्थना कीजिए कि सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर मेरा और आप लोगों का यह बलिदान स्वीकार करे।
(सब खड़े हो जाते हैं)
सब: प्रभु अपने नाम की स्तुति तथा महिमा के लिए और हमारे तथा अपनी समस्त पवित्र कलीसिया के लाभ के लिए आपके हाथों से यह बलिदान स्वीकार करे।
(पुरोहित भेंट पर अर्पण-प्रार्थना बोलते हैं। अंत में सब लोग कहते हैं :)
सब: आमेन।
Go to Proper Preface (अवतरणिका)
पुरोहित: (हाथों को फैलाकर) प्रभु आपलोगों के साथ हो।
सब: और आपकी आत्मा के साथ।
पुरोहित: (हाथों को ऊपर उठाकर) प्रभु में मन लगाइए।
सब: हम प्रभु में मन लगाए हुए हैं।
पुरोहित: (हाथों को फैलाकर) हम अपने प्रभु ईश्वर को धन्यवाद दें।
सब: यह उचित और न्यायसंगत है।
(पुरोहित अपने हाथों को फैलाए हुए अवतरणिका जारी रखते हैं। अवतरणिका के अंत में वे करबद्ध होते हैं और लोगों के साथ मिलकर ऊँचे स्वर में गाते या बोलते हैं :)
सब:पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु विश्वमण्डल के ईश्वर ! स्वर्ग और पृथ्वी तेरी महिमा से परिपूर्ण हैं। सर्वोच्च स्वर्ग में होसन्ना ! धन्य हैं वे, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। सर्वोच्च स्वर्ग में होसन्ना !
(सब घुटने टेकते हैं या खड़े रहते हैं)
रोटी तथा दाखरस के तत्व परिवर्तन के बाद:
पुरोहित: विश्वास का रहस्य।
सब: हे प्रभु, हम तेरी मृत्यु और पुनरुत्थान की घोषणा तेरे पुनगगमन तक करते रहेंगे।
या
हे प्रभु, जब हम यह रोटी खाते और यह कटोरा पीते हैं, तेरे पुनरागमन तक तेरी मृत्यु की घोषणा करते हैं।
या
हे विश्व के उद्धारकर्त्ता, हमारा उद्धार कर। तूने अपने क्रूस तथा पुनरुत्थान द्वारा हमें मुक्त किया है।
(यूखरिस्तीय प्रार्थना के अंत में पुरोहित कटोरा, और थालिका में होस्तिया लेते हैं और दोनों को ऊपर उठाते हुए बोलते हैं : )
पुरोहित: इन्हीं प्रभु खीस्त के द्वारा, इन्हीं के साथ और इन्हीं में, हे सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर, पवित्र आत्मा के साथ, सारा गौरव तथा सम्मान युगानुयुग तेरा ही है।
सब: आमेन।
(सब खड़े हो जाते हैं)
पुरोहित: मुक्तिदाता के आदेश पर और दिव्य शिक्षा से सुदृढ़ होकर हम साहस के साथ प्रेमपूर्वक कहते हैं :
अथवा - हम सब मिलकर पिता ईश्वर से प्रार्थना करें, जैसे प्रभु येसु ने हमें सिखाया है :
(वे अपने हाथों को फैलाते हुए लोगों के साथ मिलकर बोलते हैं : )
सब: हे हमारे पिता, जो स्वर्ग में है, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य आए, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में, वैसे पृथ्वी पर भी पूरी हो। हमारा प्रतिदिन का आहार आज हमें दे और हमारे अपराध हमें क्षमा कर जैसे हम भी अपने अपराधियों को क्षमा करते हैं, और हमें परीक्षा में न डाल, परन्तु बुराई से बचा।
(पुरोहित अपने हाथों को फैलाए हुए अकेले बोलते हैं :)
पुरोहित: हे प्रभु, हम तुझसे प्रार्थना करते हैं : सभी बुराइयों से हमें बचा और इस जीवन में हमें कृपापूर्वक शांति प्रदान कर। हम तेरी दया से सदा पाप से दूर और हर विपत्ति से सुरक्षित रहें और उस दिन की प्रतीक्षा करते रहें, जब हमारे मुक्तिदाता येसु खीस्त फिर आकर हमारी धन्य आशा पूरी करेंगे।
(वे करबद्ध होते हैं। लोग यह कहते हुए प्रार्थना का समापन करते हैं : )
सब: क्योंकि तेरा राज्य, तेरा सामर्थ्य और तेरी महिमा अनंत काल तक बनी रहती है।
पुरोहित: हे प्रभु येसु खीस्त ! तूने अपने प्रेरितों से कहा है : मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़ जाता हूँ , अपनी शांति तुम्हें प्रदान करता हूँ। ' तू हमारे पापों पर नहीं, अपनी कलीसिया के विश्वास पर दृष्टि डाल, और कृपापूर्बक उसे शांति तथा एकता प्रदान कर (वे करबद्ध होते हैं।) तू युगानुयुग जीता और राज्य करता है।
सब: आमेन।
पुरोहित: प्रभु की शांति सदा आपलोगों के साथ हो।
सब: और आपकी आत्मा के साथ।
पुरोहित: परस्पर शांति-अभिवादन कीजिए।
(सब लोग शांति और प्रेम का कोई उचित चिन्ह प्रयुक्त करते हैं)
(तब वे प्रतिष्ठित होस्तिया लेकर उसे थालिका में तोड़ते हैं और उसका एक छोटा-सा टुकड़ा कटोरे में डालते हुए धीमे स्वर में बोलते हैं:)
पुरोहित: हमारे प्रभु येसु खीस्त के शरीर तथा रक्त का यह सम्मिश्रण, जिसे हम ग्रहण करते हैं, हमें अनंत जीवन प्रदान करे।
(इस दौरान निम्नलिखित प्रार्थना बोली जाती है : )
सब: हे ईश्वर के मेमने, तू संसार के पाप हर लेता है - हम पर दया कर। हे ईश्वर के मेमने, तू संसार के पाप हर लेता है - हम पर दया कर। हे ईश्वर के मेमने, तू संसार के पाप हर लेता है - हमें शांति प्रदान कर।
(तब पुरोहित करबद्ध होकर धीमे स्वर में बोलते हैं)
पुरोहित: हे प्रभु येसु खीस्त, जीवंत ईश्वर के पुत्र, तूने पिता की इच्छा के अनुसार और पवित्र आत्मा के सहयोग से अपनी मृत्यु द्वारा संसार को जीवन प्रदान किया है। अपने इस परम पवित्र शरीर तथा रक्त द्वारा मेरे पापों को क्षमा कर और मुझे हर बुराई से बचा; मैं सदा तेरी आज्ञाओं का पालन करता रहूँ और तुझसे कभी अलग न होऊँ।
(तब पुरोहित करबद्ध होकर धीमे स्वर में बोलते हैं)
पुरोहित: हे प्रभु येसु खीस्त, जीवंत ईश्वर के पुत्र, तूने पिता की इच्छा के अनुसार और पवित्र आत्मा के सहयोग से अपनी मृत्यु द्वारा संसार को जीवन प्रदान किया है। अपने इस परम पवित्र शरीर तथा रक्त द्वारा मेरे पापों को क्षमा कर और मुझे हर बुराई से बचा; मैं सदा तेरी आज्ञाओं का पालन करता रहूँ और तुझसे कभी अलग न होऊँ।
( अथवा)हे प्रभु येसु खीस्त, मैं तेरा शरीर तथा रक्त ग्रहण करने वाला हूँ, यह मेरे लिए विचार और दण्ड का कारण न बने, बल्कि तेरी दया से मेरा तन-मन सुरक्षित और स्वस्थ रहे।
(पुरोहित नतमस्तक होते हैं और प्रतिष्ठित होस्तिया लेकर उसे थालिका या कटोरे के थोड़ा-सा ऊपर उठाकर लोगों की ओर मुड़कर ऊँचे स्वर में बोलते हैं : )
पुरोहित: देखिए, ईश्वर का मेमना ! इन्हें देखिए, जो संसार के पाप हर लेते हैं। धन्य हैं वे, जो मेमने के भोज में बुलाये गये हैं।
सब: हे प्रभु ! मैं इस योग्य नहीं हूँ कि तू मेरे यहाँ आये, किन्तु एक ही शब्द कह दे और मेरी आत्मा चंगी हो जाएगी।
रोटी को देते समय:
पुरोहित: ख्रीस्त का शरीर। (अथवा ‘ख्रीस्त की देह‘)
सब: आमेन।
(कम्यूनियन-वितरण के समय उचित भजन गाया जाता है। सब लोग पुरोहित के साथ कुछ क्षण मौन-प्रार्थना करते हैं। कोई स्तोत्र या स्तुति-भजन या कोई अन्य गीत भी गाया जा सकता है)
(सब खड़े हो जाते हैं)
(कम्यूनियन के बाद प्रार्थना के अन्त में:)
सब: आमेन।
पुरोहित: प्रभु आप लोगों के साथ हो।
सब: और आपकी आत्मा के साथ।
-----------------------------धर्माध्यक्ष: प्रभु आप लोगों के साथ हो।
सब : और आपकी आत्मा के साथ।
धर्माध्यक्ष: प्रभु के नाम की महिमा हो।
सब : अब और अनंत काल तक।
धर्माध्यक्ष: प्रभु के नाम में ही हमारा कल्याण है।
सब : उसी ने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है।
-----------------------------पुरोहित: सर्वशक्तिमान् ईश्वर, पिता और पुत्र + और पवित्र आत्मा आपलोगों को आशीर्वाद प्रदान करे।
सब: आमेन।
पुरोहित: आपलोग विदा लें, मिस्सा सम्पन्न हुआ।
(अथवा) जाइए और प्रभु के सुसमाचार की घोषणा कीजिए।
(अथवा) आप लोग शांति में विदा लें और अपने जीवन द्वारा प्रभु की महिमा करें।
(अथवा) आपलोग शांति में विदा लें।
सब: ईश्वर को धन्यवाद।