‘‘अति धन्य कुँवारी मरियम, अपने गर्भागमन के पहले क्षण से, एक अद्वितीय अनुग्रह और सर्वशक्तिमान ईश्वर के विशेषाधिकार से और मानव जाति के उद्धारकर्ता, येसु खीस्त के पुण्यफलो के द्वारा, आदि पाप के सभी दागों से प्रतिरक्षित उन्मुक्त रखी गयी थी। ‘‘
1854 में, संत पिता पियुस ग्यारहवें की विधिपूर्ण घोषणा, ‘‘इनएफैबिलिस ड्यूस,‘‘ ने कलीसिया के लंबे समय से धारित विश्वास को अंतिम रूप से स्पष्ट किया कि मरियम को आदी पाप से मुक्त माना गया था। मरियम को यह असाधारण विशेषाधिकार इतिहास में ईश्वर की माँ के रूप में उनकी अनूठी भूमिका के कारण दिया गया था। अर्थात, उन्होंने अपने गर्भागमन के क्षण से ही खीस्त में उद्धार का उपहार प्राप्त किया था।
भले ही मरियम पाप के बिना जन्म लेने के लिए पूरी मानवता में अद्वितीय हैं, उन्हें कलीसिया द्वारा उनकी पवित्रता और उनकी निर्मलता में उनके लिए ईश्वर की योजना को स्वीकार करने की इच्छा में पूरी मानवता के लिए एक आदर्श के रूप में रखा गया है।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वयं की बुलाहट के लिए ईश्वर की बुलाहट को पहचानने और उसका प्रतिसाद देने के लिए बुलाया जाता है ताकि वे अपने जीवन के लिए ईश्वर की योजना को पूरा कर सकें और समय की शुरुआत से पहले से उनके लिए तैयार किए गए मिशन को पूरा कर सकें। गब्रिएल के अभिवादन के प्रत्युत्तर में मरियम का कहना कि ‘‘देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये‘‘, ईश्वर की योजना के लिए सभी खीस्तीयों के लिए आवश्यक प्रतिक्रिया है।
निष्कलंक गर्भागमन का महापर्व मरियम में मानवता के लिए ईश्वर के उपहार के महान आनंद का जश्न मनाने का समय है, और अधिक स्पष्टता के साथ पहचानने के लिए कि प्रत्येक इंसान को एक विशेष मिशन को पूरा करने के लिए ईश्वर द्वारा बनाया गया है जिसे कि वह और केवल वही पूरा कर सकता है।
प्रभु की वाणी मुझे यह कहते हुए सुनाई पड़ी- “माता के गर्भ में तुम को रचने से पहले ही, मैंने तुम को जान लिया। तुम्हारे जन्म से पहले ही, मैंने तुम को पवित्र किया। मैंने तुम को राष्ट्रों का नबी नियुक्त किया।“ (यिरमियाह 1:4-5)