संत अंद्रेयस प्रेरित संत पेत्रुस के बडे भाई थे। उनका जन्म बेथसाइदा गांव में पहली सदी में हुआ। अपने भाई के समान इनका व्यवसाय भी मछली पकडने का था। इनके नाम का अर्थ है ’बलवान’। सुसमाचार में संत अंद्रेयस का उल्लेख विभिन्न स्थानों में मिलता है। संत मत्ती के सुसमाचार के अनुसार जब येसु गलीली के समुद्र के तट से गुजर रहे थे तो उन्होंने अंद्रेयस और पेत्रुस को मछली पकडते देखा। तब येसु ने उन्होंने मनुष्यों के मछुआरे बनाने की बात कही।
योहन का सुसमाचार बताता है कि ये संत योहन बपतिस्ता के शिष्य थे। जब योहन बपतिस्ता ने येसु का ईश्वर का मेमना कहकर इंगित किया तब अंद्रेयस ने येसु का अनुसरण करने का निर्णय लिया। संत अंद्रेयस ने काले समुद्र के तट के इलाकों जो आज यूनान तथा तुर्की देश है में सुसमाचार का प्रचार किया। यूनान के पत्रास शहर में इनको क्रूस पर टंगाकर मार डाला गया। उनको जिस क्रूस पर मारा गया वह एक्स के आकार का था तथा उनको छेदित नहीं किया गया बल्कि बांध कर मारा गया। ऐसा माना जाता है कि संत अंद्रेयस ने यह निवेदन किया था कि उन्हें येसु के आकार वाले क्रूस पर न मारा जाये क्योंकि वे स्वयं को अपने गुरू के समान मरने के योग्य भी नहीं मानते थे।
इस प्रकार एक्स आकार के क्रूस को संत अंद्रेयस का क्रूस भी कहते है। यह क्रूस स्कॉटलैंड के झण्डे पर भी अंकित है। संत अंद्रेयस मछुआरो तथा गायकों के संरक्षक संत है। वे अनेक देशों तथा शहरों जैसे स्कॉटलैंड, रोमानिया, रशिया, यूक्रेन तथा पत्रास के संरक्षक संत भी है। 30 नवंबर को इनका पर्व मनाया जाता है।