फ्रांसिस अंथोनी फसानी का जन्म 6 अगस्त 1681 में इटली के फोज्जिया नामक स्थान में हुआ। उन्होंने फ़्रानसिसकन धर्मसंघ में प्रवेश लिया तथा 1705 में पुरोहित बने। वे अपना अधिकांश समय प्रार्थना तथा चिंतन में बिताते थे। उनकी इस भक्ति तथा आध्यात्मिकता को ईश्वर ने फलदायी बनाया तथा उन्हें अनेक अलौकिक वरदान प्रदान किये। वे धर्मसंघ के प्रभारी रहे तथा कलीसिया के अनेक प्रशासनिक पदों को अपने आध्यात्मिक नेतृत्व तथा दूरदर्शता के वरदानों से सुशोभित किया।
वे कुशाग्र बुद्धि के धनी थे तथा एक शिक्षक के रूप में लोगों को शिक्षा दी। उनका लोकप्रिय नाम ही ’फादर मास्टर’ था। वे प्रवचन देने के लिये हमेशा उत्सुक तथा उपलब्ध रहते थे। अनेक पल्लियों में जाकर उन्होंने प्रवचन दिये। पश्चाताप सस्ंकार के लिये वे घंटों बैठे रहते थे तथा हरेक पश्चातापी को बडे धैर्य तथा दयालुता के साथ सुनते तथा ईश्वर की क्षमा प्रदान करते थे।
29 नवंबर 1742 में इनका निधन हुआ। सन्1986 में इन्हें संत घोषित किया गया।