संत याकूब इंटरसीसुस सीरिया के ख्राीस्तीय विश्वासी थे। वे प्रशिया के राजा येज्डिगर्ड प्रथम के चहेते सैनिक अधिकारी तथा दरबारी थे। जब राजा ने ख्राीस्तीयों पर अत्याचार शुरू किया तो याकूब ने डर कर अपना धर्म त्याग दिया। अपने इस धर्म-त्याग का याकूब को बहुत दुख तथा पश्चातावा था। जब राजा मर गया तो याकूब ने सार्वजनिक तौर पर स्वयं को ख्राीस्तीय बताया। नया राजा बहरम उसकी इस घोषणा पर अत्यंत क्रोधित हुआ तथा उनसे याकूब से ख्रीस्तीय धर्म को त्यागने की मांग की। जब याकूब ने अपना धर्म त्यागने के इंकार कर दिया तो उनके शरीर के टुकडे-टुकडे कर दिये गये। सबसे पहले उनकी उंगली को काटा गया फिर धीरे-धीरे उनके शरीर के सभी अंगों को तथा अंत में उनके सिर को काटा गया। यह एक अत्यंत क्रूरत्तम मृत्यु थी। संत याकूब के नाम के साथ इंटरसीसुस उनकी इस प्रकार हुई मृत्यु के कारण जोडा गया है। इंटरसीसुस का अर्थ है ’टुकडो में काटना’। उनकी मृत्यु 421 में हुयी।