वालोइस के संत फैलिक्स का जन्म 1127 में हुआ। उन्होंने अपने व्यवसाय तथा सार्वजनिक जीवन को त्याग कर घने जंगल में प्रार्थना तथा साधना का जीवन बिताया। जब मार्था के योहन को जंगल में इस पवित्र एकांतवासी के होने की बात मालूम हुयी तो वे उनसे मिले गये। योहन वहॉ उनके मार्गदर्शन में रहने लगे। इस बीच योहन ने संत फैलिक्स से ऐसे संघ की स्थापना का प्रस्ताव रखा जो बंदियों की मुक्ति के लिये कार्य करेगा तो इसके लिये उन्होंने तुरंत हामी भर दी। इस समय उनकी आयु लगभग सत्तर वर्ष थी।
इस प्रकार इन दोनों ने मिलकर ’परम पावन त्रित्व’ मोस्ट होली ट्रीनिटी धर्मसमाज की स्थापना की। इस समाज का कार्य बंदियों की रिहाई तथा मुक्ति के लिये प्रयत्न करना था। 4 नवंबर 1212 को इनका निधन हो गया। धर्मसमाज की परंपरा के अनुसार संत पापा उर्बान चौथे ने 1269 में इन्हें संत घोषित किया।