जुलाई 26

संत जोवाकिम और अन्ना

26 जुलाई को रोमी काथलिक कलीसिया कुँवारी मरियम के माता-पिता, संत जोवाकिम और अन्ना की यादगारी मनाती है। इस दंपति के विश्वास और दृढ़ता ने उन्हें संतानहीनता के दुख के माध्यम से, गर्भ धारण करने और पवित्र और निष्कलंक महिला को जन्म देने की खुशी प्रदान की जो स्वयं संसार के मुक्तिदाता को इस संसार में जन्म देगी। बाइबिल या सुसमाचारों में उनका कोई उल्लेख नहीं है। संत जोवाकिम और अन्ना के विषय में जो भी हम जानते हैं वह काथलिक उपाख्यान और “संत याकूब के सुसमाचार” से आता है, जो कि दूसरी शताब्दी ईस्वी का एक अनाधिकृत प्रकाशनात्मक साहित्य लेखन है। प्राचीन पांडुलिपि की लगभग 150 प्रतियां हैं जिनमें अक्सर अलग-अलग शीर्षक होते हैं, लेकिन वे एक ही कहानी बताते हैं, कि मरियम को जोवाकिम और अन्ना को एक देवदूत द्वारा वादा किया गया था, ईश्वर को समर्पित किया गया था, और वह जीवन भर कुंवारी रही। मरियम के जन्म के बाद, याकूब के प्रोटोएवेंजेलियम के अनुसार, अन्ना ने शिशु लड़की के कमरे में ‘‘एक पूजन-स्थान बनाया‘‘, और बच्ची की विशेष पवित्रता के कारण ‘‘कुछ भी सामान्य या अशुद्ध नहीं होने दिया‘‘। वही लेख लिखता है कि जब वह एक वर्ष की थी, तब उनके पिता ने ‘‘एक बड़ा पर्व मनाया, और याजकों, शास्त्रियों, अध्यक्षों, और इस्राएल के सभी लोगों को आमंत्रित किया।‘‘ ‘‘और जोवाकिम बच्ची को याजकों के पास ले आए,‘‘ वृत्तांत आगे कहता है, ‘‘और उन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया, और कहाः ‘हे हमारे पुर्वजों के ईश्वर, इस बच्ची को अपनी आशिष प्रदान कर, और उसे ऐसा नाम दे जो सभी पीढ़ीयों में सदा युगानुयुग बना रहें...’’और वे उन्हें महायाजकों के पास ले आए; और उन्होंने यह कह कर उन्हें आशीर्वाद दिया, कि हे परमप्रधान ईश्वर, इस बच्ची पर दयादृष्टी कर और उसे परम आशिष दें, जो सदाकाल बनी रहें!’’

प्रोटोएवेंजेलियम आगे यह भी वर्णन करता है कि कैसे मरियम के माता-पिता ने, मंदिर के पुरोहितों के साथ, बाद में फैसला किये कि उन्हें अपने जीवन के बाकी दिनों के लिए ईश्वर को एक पवित्र कुँवारी के रूप में पेश किया जाएगा, और बढ़ई यूसुफ के साथ एक पवित्र विवाह में प्रवेश करेगी।

संत जोवाकिम और संत अन्ना कई सदियों से कलीसिया के धार्मिक कैलेंडर का हिस्सा रहे हैं। उनकी स्मृति के प्रति भक्ति पूर्वी काथलिक कलीसिया में विशेष रूप से ज्यादा है, जहां प्रत्येक दिव्य पुजन के अंत में पुरोहित द्वारा उनकी मध्यस्थता का आह्वान किया जाता है। हालांकि, पूर्वी कलीसिया संत जोवाकिम और अन्ना का एक अलग तारीख, 9 सितंबर पर त्योहार मनाते है। संत जोवाकिम और अन्ना माता-पिताओं के लिए अनुकरणीय व्यक्ति के रूप में काम करते हैं और दोनों ईश्वर और हमारी माता मरियम, ईश्वर की माँ के प्रति समर्पण के लिए सम्मानित और अनुकरणीय हैं।


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