जून 20

नोला के संत पौलिनस

इनका जन्म बोर्डो के पास हुआ था। वे गॉल के रोमन प्रीफेक्ट के पुत्र थे। वे खुद एक रोमन सेनेटर और कैंपानिया के गवर्नर के पद पर आसान हुए। इन्होंने नोला की तेरेसा नामक एक स्पेनिश ईसाई औरत से शादी की। जब इन्होंने प्रभु येसु को स्वीकार किया तो वे राजनीति को अलविदा कर दिये। संत पौलिनस रोमन साम्राज्य में गवर्नर थे। लेकिन जब इन्होंने प्रभु येसु को अपनाया तो अपनी सारी संपत्ति त्याग दी। जब इनके पुत्र की मृत्यु हो गई तो इन्होंने अपनी पत्नि के साथ नोला में सन्यासी जीवन अपना लिया। लोगों ने इनको नोला के धर्माध्यक्ष के रूप में चुना लिया।

इनकी तुलना उस समय की कलीसिया के संत समाज, जैसे, संत ऑगस्टीन, जेरोम, मेलानिया, मार्टिन, ग्रेगरी महान और एम्ब्रोस से होने लगी जो इनके बारे में बहुत उच्च विचार रखते थे। ईसाई समाज के पूजन पद्धती में घंटियों की इस्तेमाल की शुरूआत का श्रेय इनको ही दिया जाता है नोला में, इनके पर्व का पूरा सप्ताह, लिली के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

नोला के संत पौलिनस कहते हैं, "प्रभु येसु के बिना मनुष्य बस धूल और छाया है।" संत पिता बेनेदिक्त सोलहवें कहते हैं, *"संत पौलिनस कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं लिखे, लेकिन उनकी कविता और पर्याप्त पत्र एक जीवित धर्मशास्त्र के समान हैं, लगता है इनकी उत्पत्ती ईश्वर के वचन से हुई है, जिन्हें लगातार जीवन के लिए प्रकाश के रूप देखा जाता है।"


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