धन्य अल्बर्टिना बर्केनब्रॉक का जन्म ब्राजील में हुआ था। इनके पिता एक विनम्र और धार्मिक स्वभाव के किसान थे। अल्बर्टिना एक ख्रीस्तीय दान पुण्य का जीवन जीती थी और जब भी संभव होता लोगों की मदद करने की कोशिश करती थी।
उनके पिता का एक नौकर जिसका नाम मानेको फालहोका था उसने अल्बर्टिना पर हमला किया, और जब वह 12 साल की थी तब उसने इनके साथ बलात्कार करने की कोशिश की। अल्बर्टिना अपनी पवित्रता बनाए रखने के लिए उससे लड़ने का प्रयास किया लेकिन उस नौकर ने अल्बर्टिना गला काट दिया। वह नौकर इस हत्या का इल्ज़ाम एक अन्य व्यक्ति पर लगा दिया। लेकिन बाद में उसने अल्बर्टिना की हत्या तथा दो अन्य लोगों के कत्ल की बात भी कबूल कर लिया।
सन 2007 में संत पिता बेनेडिक्ट 16वें ने, अल्बर्टिना बर्केनब्रॉक को, अपनी पवित्रता की रक्षा करने के लिए अपने जीवन तक बलिदान कर देने के लिए, उन्हें धन्य घोषित किया। धन्य अल्बर्टिना बर्केनब्रॉक का कथन है, "मुझे पाप नहीं चाहिए"। कार्डिनल होसे सारावा मार्टिन्स संत पिता बेनेडिक्ट 16वें को लिखते हुए कहते है, "हमारी मासूमियत ईश्वर के साथ जुड़ी हुई है। आज हमारी पवित्रता को धन्य अल्बर्टिना जैसे मजबूत और दृढ़ संकल्प की जरूरत है, जिन्होंने अपने हत्यारे से कहा, मुझे पाप नहीं चाहिए।" धन्य अल्बर्टिना से हम सिखाते हैं, हमारा जीवन छोटा ही हो लेकिन उद्देश्यपूर्ण जीवन हो जो ईश्वर और उनकी रचना के प्रेम से भरा हो। अल्बर्टिना एक पवित्र जीवन व्यतित की और अपनी जीवन के आखरी क्षण तक वह अपने पवित्रता की रक्षा करती रहीं।