संत पिता ऐनाक्लिटस (मृत्यु 92), जिन्हें क्लेटस के नाम से भी जाना जाता है, पेत्रुस और लिनुस के बाद रोम के तीसरे धर्माध्यक्ष थे। ऐनाक्लिटस ने संत पिता के रूप में वर्ष 79 और उनकी मृत्यु वर्ष 92 के बीच कार्य किया। क्लेटस एक रोमन थे, जिन्होंने संत पिता के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, कई पुरोहितों को अभिषिक्त किया और पारंपरिक रूप से उन्हें रोम में लगभग पच्चीस पल्ली स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि उनके परमधर्मपीठ की सटीक तिथियां अनिश्चित हैं, ‘‘... एक शहीद की मृत्यु हो गई, शायद लगभग 91 में‘‘। मिस्सा के रोमन कैनन में क्लेटस का उल्लेख किया गया है; उनका पर्व 26 अप्रैल है।
प्राचीन ग्रीक में ‘‘क्लेटस‘‘ नाम का अर्थ है ‘‘जिन्हें बुलाया गया है‘‘, और ‘‘ऐनाक्लिटस‘‘ का अर्थ है ‘‘जिन्हें वापस बुलाया गया है‘‘। इसके अलावा ‘‘एनेंक्लेटस‘‘ का अर्थ है ‘‘अभेद्य‘‘।
रोमन शहिदनामा में संत पिता का उल्लेख ‘‘क्लेटस‘‘ के रूप में किया गया है। यूसेबियुस, आइरेनियुस, हिप्पो के अगस्तीन और ऑप्टेटस सभी सुझाव देते हैं कि दोनों नाम एक ही व्यक्ति को संदर्भित करते हैं।
पारंपरिक रूप से क्लेटस/ऐनाक्लिटस को रोमन माना जाता था, जिन्होंने बारह वर्षों तक संत पिता के रूप में सेवा की थी। अन्नुरियो पोंटिशियो कहते है, ‘‘पहली दो शताब्दियों के लिए, परमधर्मपीठ की शुरुआत और अंत की तारीखें अनिश्चित हैं‘‘। यह 80 से 92 वर्षों को संत पिता क्लेटस/ऐनाक्लिटस के शासनकाल के रूप में बताते है। अन्य स्रोत 77 से 88 वर्ष जताते हैं।
परंपरा के अनुसार, संत पिता ऐनाक्लिटस ने रोम को पच्चीस पल्लीयों में विभाजित किया। उनके संत पिता पद से संबंधित कुछ जीवित अभिलेखों में से एक में उन्हें अनिश्चित संख्या में पुरोहितों को दीक्षित करने का उल्लेख है।
ऐनाक्लिटस को उनके पूर्ववर्ती लिनुस के बगल में पेत्रुस की कब्र के पास दफनाया गया था, जो अब वतिकान शहर में है।