संत यूसुफ़ बढ़ई थे (मत्ती 13:55)। उन के पिता का नाम था याकूब (मत्ती 1:16)। सुसमाचार के अनुसार संत यूसुफ़ धर्मी थे (मत्ती 1:19)। संत यूसुफ़ प्रभु येसु के पालक पिता थे। पवित्र परिवार की देखरेख के लिए पिता ईश्वर ने संत यूसुफ़ को चुना। माता मरियम तथा बालक येसु की देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गयी। उन्होंने इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाया। संत मत्ती के अनुसार संत यूसुफ़ को तीन बार प्रभु का दर्शन मिला (मत्ती 1:20; 2:13, 19)। मंदिर में बालक येसु को वापस पाने की घटना के बाद संत यूसुफ़ के बारे में पवित्र बाइबिल हमें कुछ नहीं बताती है। परम्परा के अनुसार प्रभु येसु के सार्वजनिक जीवन शुरू होने से पहले ही उनकी मृत्यु हुयी थी। संत यूसुफ़ को मरणासन्न लोगों का संरक्षक संत माना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि उनकी मृत्यु के समय प्रभु येसु और माता मरियम उनके साथ थे।