स्कोलास्तिका का जन्म सन् 480 में इटली के धनी परिवार में हुआ था। स्कोलास्तिका के जीवन के पहले चरण की हमें बहुत ही सीमित जानकारी प्राप्त है। उन्होंने मोंतेकसीनो के पास प्लोमबरियोला में महिलाओं के एक धर्मसमाज की स्थापना की। वहाँ से केवल 5 मील की दूरी पर उनके भाई बेनेडिक्ट का मठ था। दोनों साल में एक बार एक-दूसरे से एक फार्म हाउस में मिलते थे। उस समय वे आध्यात्मिक बातों पर चर्चा करते थे। स्कोलास्तिका की मृत्यु के पहले एक दिन बेनेडिक्ट अपने कुछ सहयोगी धर्मसंघियों के साथ स्कोलास्तिका से मिलने गये। स्कोलास्तिका ने अपनी मृत्यु को सामने देखकर अपने भाई से रात में भी उनके साथ रूकने का आग्रह किया। बेनेडिक्ट रात को कभी भी अपने मठ के बाहर नहीं रूकते थे इसलिए उन्होंने अपनी बहन के पास रात को रूकने से इंकार कर दिया। स्कोलास्तिका ने ईश्वर वे प्रार्थना की और आंधी-तूफान के कारण बेनेडिक्ट और उनके साथी वापस नहीं जा सके। दूसरे दिन सुबह बेनेडिक्ट ने अपनी बहन से विदा ली। ठीक तीन दिन बाद बेनेडिक्ट ने दर्शन में अपनी बहन की आत्मा को एक सफेद कपोद के रूप में स्वर्ग की ओर जाते हुए देखा। तब अपने समुदाय में बेनेडिक्ट ने अपने साथियों के सामने अपनी बहन की मृत्यु की घोषणा की। बेनेडिक्ट ने उन्हें उस कब्र में दफनाया जिसे उन्होंने अपने लिये बनाया था। स्कोलास्तिका की मृत्यु लगभग सन् 543 में हुई।